ऋषिकेश, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ से पहले सात अखाड़ों के श्री पंच और रमता पंच के श्री महंतो के चुनाव को लेकर संत समाज में हलचल तेज हो गई है। इस चुनाव प्रक्रिया में रमता पंच और श्री पंच के महंतों का चयन मढ़ियों की खालसा द्वारा किया जाएगा, जिसमें केवल जमातिया महंत ही मतदान करेंगे। इस चुनाव में किसी भी पूर्व या वर्तमान पदाधिकारी का हस्तक्षेप निषिद्ध होगा।
आवाहन अखाड़े के श्रीमहंत गोपाल गिरी ने जानकारी दी कि इस चुनाव में 24 गद्दियाें के अंतर्गत आने वाले चार प्रमुख संप्रदाय आनंदवार, भूरवार, भोगवार और किटवार के संत शामिल हाेते हैं। इसके अतिरिक्त 42 अन्य मढ़ियों के संत भी अखाड़े का हिस्सा होते हैं। कुल मिलाकर 52 मढियाें से बने अखाड़ा की यह परंपरा विक्रम संवत 603, (सन् 547 ईस्वी) से चली आ रही है।
उन्हाेंने बताया कि रमता पंच का चुनाव तीन वर्षाें के लिए और श्री पंच का चुनाव छह वर्षाें के लिए हाेता है। श्री महंत गोपाल गिरी ने बताया कि यह चुनाव रमता पंच का तीन वर्ष के लिए होता है, तथा श्री पंच का 6 वर्ष के लिए किया जाता है। यह चुनाव अगले 6 वर्ष बाद होने वाले प्रयाग कुंभ तक के लिए मान्य होता है। इसके बाद उज्जैन कुंभ के लिए रमता पंच के नए चार श्री महंतो को चुना जाएगा। जिसे लेकर अखाड़ों में हलचल प्रारंभ हो गई है।
(Udaipur Kiran) / विक्रम सिंह / सत्यवान