कोलकाता, 07 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल राशन घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंगलवार को अदालत में कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक द्वारा कथित रूप से लिखे गए एक पत्र पर बार-बार निर्भरता को लेकर अदालत ने ईडी की आलोचना की और एजेंसी को सुपरमैन बनने की बजाय तार्किक होने की नसीहत दी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने ईडी द्वारा प्रस्तुत उस पत्र को लेकर सवाल उठाए, जिसमें भ्रष्टाचार से संबंधित वित्तीय लेनदेन का जिक्र किया गया है। न्यायाधीश ने पूछा कि आप एक ऐसे पत्र का हवाला दे रहे हैं जो आधिकारिक रूप से जब्त भी नहीं किया गया है। यह पत्र आखिर आया कहां से ?
ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद वे न्यायिक हिरासत में एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती थे। ईडी का दावा है कि मल्लिक ने अस्पताल में रहते हुए अपनी बेटी को एक पत्र लिखा, जिसमें कथित तौर पर भ्रष्टाचार से कमाए धन का जिक्र है। लेकिन अदालत ने यह सवाल उठाया कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए यदि यह पत्र मिला, तो इसे अदालत में पेश क्यों नहीं किया गया।
——
राशन घोटाले की जांच पर सवाल
अदालत ने ईडी की जांच के दायरे पर भी सवाल उठाए। छह एफआईआर दर्ज होने के बावजूद बड़े घोटाले के संकेत नहीं मिलने पर न्यायाधीश ने कहा, “यदि यह बड़ा घोटाला है, तो क्या लाभार्थी प्रभावित हुए हैं? क्या किसी ने भूख से जान गंवाई है?” ईडी ने जवाब में कहा कि उसने छापेमारी और अपने सूत्रों के जरिए सबूत जुटाए हैं।
पत्र में उल्लेखित व्यक्तियों की जांच में देरी को लेकर पूछताछ के दौरान ईडी के वकील ने कहा, “हम सुपरमैन नहीं हैं।” इस पर न्यायाधीश ने पलटवार करते हुए कहा, “तो फिर आप सुपरमैन बनने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? आपको सुपरमैन नहीं, बल्कि तार्किक बनने की जरूरत है।”
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर