नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने 2019 से लेकर अक्टूबर 2024 के बीच दिल्ली के 107 वकीलों का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बीसीआई ने कहा है कि फर्जी वकीलों का लाइसेंस निरस्त करना विधिक व्यवसाय के गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए जरूरी था।
बीसीआई के सचिव श्रीमांतो सेन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विधिक व्यवसाय के प्रति लोगों के भरोसे को कायम रखने के लिए अनैतिक विधिक व्यवसाय से जुड़े लोगों पर लगाम लगाया गया है। बयान में कहा गया है कि 2019 से लेकर अक्टूबर 2024 के बीच केवल दिल्ली के 107 वकीलों का लाइसेंस निरस्त किया गया है। बीसीआई की विस्तृत जांच के बाद पाया गया कि इन वकीलों के दस्तावेज फर्जी थे और लाइसेंस लेते समय इन्होंने गलत सूचना दी।
बीसीआई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसलों में फर्जी वकीलों को विधिक व्यवसाय से दूर करने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया है। बीसीआई इसके लिए लगातार जांच करती रहती है। बीसीआई वकीलों की डिग्रियों और दूसरे दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करवाती रहती है ताकि फर्जी वकीलों का लाइसेंस निरस्त किया जा सके और उन्हें विधिक व्यवसाय से हटाया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा