Chhattisgarh

एकादशी पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व का आगामी वर्ष के लिए हाेगा परायण

shri jagannath ji

जगदलपुर, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) भगवान श्रीजगन्नाथ माता सुभद्रा व बलभद्र के 22 विग्रहाें काे श्रीमंदिर में स्थापित होने के साथ ही बस्तर गाेंचा महापर्व में 17 जुलाई काे देवशयनी एकादशी की अंतिम पूजा विधान तय कार्यक्रम के अनुसार संपन्न की जावेगी

बुधवार 17 जुलाई काे देवशयनी एकादशी पूजा विधान के साथ ही बस्तर गोंचा महापर्व का परायण आगामी वर्ष के लिए हो जावेगा।उक्त जानकारी बस्तर गोंचा महापर्व समिति के अध्यक्ष विवेक पांडे ने दी।

360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खांबारी ने बताया कि देवशयनी एकादशी, जिसे पद्म एकादशी और हरि शयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्मावलंबियाें में एक महत्वपूर्ण व्रत है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को वर्ष 2024 में, देवशयनी एकादशी 17 जुलाई बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं, और चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी तिथि में देवउठनी एकादशी पूजा विधान के साथ भगवान श्रीजगन्नाथ काे उठाया जावेगा।

देवशयनी एकादशी के दिन चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन श्रीविष्णु चालीसा, श्रीहनुमान चालीसा या श्रीगणेश चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे / केशव केदारनाथ शर्मा

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