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हिमाचल में पहली जून से 500 एमएल पानी की प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध, दिशा-निर्देश जारी

शिमला, 26 मई (Udaipur Kiran) । पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने आगामी 1 जून से राज्य में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक पानी की बोतलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह प्रतिबंध विशेष रूप से पॉलीथीन टेरेफ्थैलेट (पी.ई.टी.) विशेषता वाली बोतलों पर लागू होगा और इसे सभी सरकारी कार्यक्रमों, बैठकों, सम्मेलनों और होटलों में सख्ती से लागू किया जाएगा।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सोमवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इस निर्णय की जानकारी दी और सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे इस निर्णय का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह निर्णय हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 और इसके संशोधन अधिनियम 2023 के तहत लिया गया है, जो राज्य में प्लास्टिक कचरे से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को देखते हुए बेहद जरूरी था।

मुख्य सचिव ने बताया कि 1 जून से यह प्रतिबंध न केवल सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों बल्कि हिमाचल पर्यटन विकास निगम (भ्च्ज्क्ब्) के होटलों और निजी होटलों पर भी लागू होगा। इन स्थानों पर आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम या आयोजन में 500 एमएल तक की प्लास्टिक पानी की बोतलों का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय को लागू करने के लिए सभी विभागों को पूर्व तैयारी करने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार चाहती है कि नागरिकों को पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की जानकारी दी जाए और उन्हें इसके उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। इस संदर्भ में एक विस्तृत जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

सार्वजनिक परिवहन में डस्टबिन रखना अनिवार्य

इसके बाद आयोजित एक अन्य बैठक में मुख्य सचिव ने प्रदेश में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन वाहनों में गार्बेज बिन रखने की अनिवार्यता को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि पर्यटन वाहनों, सरकारी और निजी बसों तथा टैक्सियों में अब डस्टबिन रखना जरूरी होगा, ताकि यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे को उचित रूप से संग्रहित किया जा सके।

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी कि सभी सरकारी बसों में पहले ही गार्बेज बिन लगाए जा चुके हैं। साथ ही बस अड्डों और कार्यशालाओं में सफाई के दौरान प्लास्टिक कचरे के संग्रहण के निर्देश भी दिए गए हैं। एचआरटीसी के ढाबों और विश्राम स्थलों पर भी प्लास्टिक कचरे को अलग करने की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि वे इस निर्णय की अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए निजी टैक्सी संचालकों और पर्यटक वाहनों के मालिकों को समय रहते सूचित करें और यदि आवश्यक हो, तो कानूनी कार्रवाई भी करें।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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