हमीरपुर, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । बुंदेलखंड क्षेत्र में इंजेक्शन से लौकी, कद्दू और अन्य सब्जियां तैयार कर बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। ये सब्जियां सेहत के लिए घातक साबित हो रही है। पचास ग्राम वजन की लौकी इंजेक्शन से चार किलो वजन की तैयार कर सब्जी कारोबारी पेट संबन्धी बीमारी सौगात में बांट रहे हैं।
इन दिनों शहर से लेकर कस्बों तक बाजार में सेहत बिगाड़ने वाली सब्जियों का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। इंजेक्शन से समय से पहले तैयार सब्जियां खाने से लोग बीमारी की चपेट में भी आ रहे हैं। इस बीच चिकित्सीय सेवाओं से जुड़े डाँक्टरों ने आम लोगों को हरी सब्जियों से सावधान रहने की सलाह दी है।
बुंदेलखंड के किसी भी इलाके में नजर डाले तो हर जगह सड़क किनारे और हाट, बाजार में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली सब्जियों की भरमार है। ज्यादा कमाई के चक्कर में इस धंधे से जुड़े लोग इंजेक्शन लगाकर लौकी, कद्दू और तरोई सहित अन्य सब्जियां तैयार करने में जुटे हैं। आक्सीटोसिन इंजेक्शन से ये सब्जियां कुछ ही घंटे में कई गुना वजन की हो जाती हैं। हमीरपुर क्षेत्र के साथ ही कुरारा, झलोखर, कुछेछा, हैलापुर, मेरापुर, डिग्गी, पारा सिडऱा, कुंडौरा, बदनपुर, यमुना घाट, सहजना, मुस्करा, राठ, गोहांड व सरीला के बड़ी संख्या में गांव इस समय सब्जियों की पैदावार का हब बन गया है।
यमुना, बेतवा और अन्य तमाम स्थानीय नदियों के किनारे सैकड़ों लोग लोकी, कद्दू, करैला, तरोई, बैगन और शिमला मिर्च की पैदावार कर रहे हैं। सब्जी की खेती से जुड़े लोग मोटी कमाई के चक्कर में इंजेक्शन से लौकी, कद्दू और अन्य सब्जियों को समय से तैयार कर बेच रहे हैं, जिससे ये सब्जियां आम लोगों की सेहत खराब कर रही हैं।
सब्जी व्यवसाय में लगे कुछ लोगों ने बताया कि शिमला मिर्च, लौकी और तरोई को इंजेक्शन लगाया जाता है जिससे दो तीन घंटे में ही ये कई गुना वजन की हो जाती हैं। इसके अलावा कई और हरी सब्जियों में केमिकल घोल छिड़का जाता है। जिसे शहर और कस्बों की बाजार में धड़ल्ले से बेचा जाता है।
घातक इंजेक्शन के इस्तेमाल से तैयार सब्जी से लोग हो रहे बीमार
घातक इंजेक्शन और केमिकल घोल से तैयार होने वाली लौकी समेत अन्य सब्जियां खाने से लोग पेट सम्बन्धी बीमारी के शिकार हो रहे है।
डा.दिलीप त्रिपाठी का कहना है कि घातक इंजेक्शन व केमिकल से तैयार सब्जियां दमा, अल्सर व अन्य बीमारी की बड़ी वजह बन रही है। लीवर और किडनी में सूजन आने की समस्याएं पैदा हो जाती है। बताया कि ऐसी सब्जियों को खाने से लोगों को परहेज करना चाहिए।
इंजेक्शन से कुछ ही घंटे में लौकी हो जाती है तीन किलो वजन की
नदियों के किनारे लौकी और कद्दू समेत कई अन्य सब्जियों की पैदावार करने वाले लोग मुनाफे के लिए आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। छोटी सी लौकी और कद्दू के बेल पर लगते ही इसे इंजेक्शन लगाकर बड़ा कर दिया जाता है। प्रतिदिन चार से पांच किलो वजन की लौकी बड़ी मात्रा में बाजार लाकर बेची जाती है। डा.दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि पहले सब्जियां कई दिनों तक खराब नहीं होती थी लेकिन अब दूसरे दिन ही लौकी समेत अन्य सब्जियां खराब हो जाती है
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा