
उमरिया, 1 जून (Udaipur Kiran) । जिले का विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व इन दिनों तेन्दुओं का कब्रगाह बना हुआ है, वैसे तो आये दिन बाघ, मानव द्वन्द तो होता ही रहता है, कहीं बाघों की मौत तो कहीं ग्रामीणों की मौत होती ही रहती है, लेकिन इन दिनों तेन्दुओं की मौत हो रही है, दो दिन में दो तेन्दुओं का कंकाल और शव मिलने से सनसनी फ़ैल गई है।
गत दिवस दिन में जहाँ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज अंतर्गत दशरथ तलैया से जुड़े हुए राजस्व क्षेत्र में तेंदुआ का लगभग 15 दिन से अधिक पुराना कंकाल मिलने की सूचना पर टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पहुँच कर डॉग स्क्वाड से सर्चिंग कराते रहे और डाक्टरों की टीम ने तेंदुआ के कंकाल के सैंपल लेकर जांच के लिये भेज दिया।
वहीं पतौर रेंजर अर्पित मैराल ने बताया कि तेंदुआ का कंकाल मिला है। नाखून दांत सुरक्षित हैं। जांच की जा रही है।
वहीं एक तेंदुए के कंकाल की जाँच पूरी भी नहीं हो पाई थी और दुसरे तेंदुए के सड़े गले लगभग 12 दिन पुराने शव मिलने की सूचना आ गई। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी और पूरा अमला दूसरी तरफ चल दिया रात में शव को सुरक्षित करवा कर रविवार दिन में डॉग स्क्वाड की टीम ले जाकर उस एरिया की सर्चिंग करवाई गई और डाक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम करवाया गया।
पनपथा बफर रेंजर एस एस मार्को ने बताया कि तेंदुआ की उम्र लगभग 4 वर्ष होगी। शरीर पर चोट के निशान भी है, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र के करौंदिया बीट के कक्ष क्रमांक पी एफ 619 में गश्त के दौरान तेंदुआ के शव की जानकारी मिली। शव के आस पास के क्षेत्र में गश्त शुरू करने के साथ पैदल सर्चिंग भी शुरू कर दी गई है। शनिवार को पतौर परिक्षेत्र में लगभग 12 दिन पुराना तेंदुआ का कंकाल मिला था। रविवार को डाक्टरों की टीम पनपथा बफर क्षेत्र के मौका में पहुंचकर तेंदुआ का पोस्टमार्टम किया है।
गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे ज़ब से उप संचालक के पद पर प्रकाश कुमार वर्मा पदस्थ हुये हैँ तब से वन्य जीवों की मौत में बेतहाशा वृद्धि हो गई है, जिसकी बारीकी से जाँच करवाने की आवश्यकता है ताकि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का अस्तित्व बचा रह सके।
—————
(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी
