Uttrakhand

बनारस मीट्स बर्लिन पुस्तक का लोकार्पण, इंडो-जर्मन प्रेम कहानी को रेखांकित करता एक बेहतरीन उपन्यास

दून पुस्तकालय में 'बनारस मीट्स बर्लिन' पुस्तक के विविध पक्षों पर बतातीं लेखिका डॉ. योजना साह जैन (साड़ी में)।

देहरादून, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । लैंसउाउन चौक स्थित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र सभागार में शनिवार की शाम डॉ. योजना साह जैन की नई पुस्तक ‘बनारस मीट्स बर्लिन’ का लोकार्पण किया गया। साथ ही पुस्तक के विविध पक्षों पर निकोलस हॉफलैंड ने लेखिका डॉ. योजना साह से बातचीत की। ‘बनारस मीट्स बर्लिन’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित है और अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है।

‘बनारस मीट्स बर्लिन’ पुस्तक एक इंडो-जर्मन प्रेम कहानी को रेखांकित करते हुए कई महत्वपूर्ण संदर्भों को उद्घाटित करती है। जहां प्यार कोई सीमा नहीं जानता, वह उम्र, धर्म, विश्वास या मानचित्र पर खींची गई रेखाओं के प्रति अडिग होता है, ऐसे देश में अंतर-क्षेत्रीय विवाह पर अब भी सवाल उठते हैं। सभी बांधाओं को पार करने वाली यह उम्दा प्रेम कहानी है।

रिचर्ड उर्फ रिकी जर्मन की राजधानी बर्लिन शहर का लड़का है और रागिनी प्राचीन शहर बनारस की लड़की है। नियति की सनक से निर्देशित होकर मानो उनके रास्ते आपस में जुड़ते हैं। अतृप्त जिज्ञासा और अदम्य लालसा से प्रेरित होकर रिकी और रागिनी एक रोमांचक यात्रा पर निकल पड़ते हैं, जो उनकी भावनाओं की सीमाओं को पार करती व उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देती है। कोरोना महामारी और उसके गंभीर परिणामों की पृष्ठभूमि के मध्य उनकी प्रेम कहानी उनके शहरों की नियति के साथ जुड़ जाती है। अभी भी वे साझा हितों, अप्रत्याशित कोनों में खिलने वाले प्यार, भ्रम के क्षणों और गहन आत्म-खोज से निकलकर एक विस्मयकारी रोलर कोस्टर की सवारी करते हैं।

डॉ. योजना साह जैन एक लेखिका, वक्ता और अंतरराष्ट्रीय मंचों की कवियित्री हैं। 17 साल से अधिक के कॉर्पाेरेट करियर के साथ उन्होंने फार्माकोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनके पास भारत और जर्मनी दोनों में फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण व अनुभव है। हालांकि कॉर्पाेरेट व्यक्तित्व से परे वह एक कलाकार के रूप में अधिक उभरती हैं, जो लेखन और कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक स्थायी जुनून से प्रेरित है। अनुसंधान, वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्रों में 16 वर्षों से अधिक के प्रभावशाली नेतृत्व के साथ योजना ने भारत और जर्मनी में कई प्रतिष्ठित फार्मास्युटिकल बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अपनी विशेषज्ञता को निखारा है।

डॉ. योजना साह की अब तक तीन कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित कागज पर फुदकती गिलहरियां नामक एक बहुप्रशंसित कविता संग्रह और प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इमली का चटकारा नामक एक कहानी संग्रह प्रकाशित हैं। बनारस मीट्स बर्लिन योजना द्वारा रचित पहला उपन्यास है। डॉ. योजना को उनकी कविता के संदर्भ में राष्ट्रीय टेलीविजन पर शैलेश लोढ़ा द्वारा संचालित वाह भाई वाह नामक शो में भी सम्मानित किया गया था।

शुरुआत में दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का अभिनन्दन किया। प्रफुल्ल जैन और वेदांत चौधरी ने इस उपन्यास पर वक्तव्य दिया। गौरवी व निकोलस ने लेखिका से बातचीत की। इस दौरान डॉ. लालता प्रसाद, शिव प्रसाद जोशी, शोभा शर्मा, दर्द गढ़वाली, रंजना, डॉ. मनोज कुमार पंजानी, सुंदर सिंह बिष्ट, शैलेंद्र नौटियाल आदि उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / दधिबल यादव

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