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बस सारथियों को हटाने पर रोक, मांगा जवाब

हाईकाेर्ट

जयपुर, 14 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएसआरटीसी में सालों से संविदा पर कार्यरत बस सारथियों को हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में आरएसआरटीसी के एमडी और कार्यकारी निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश सुभाष चन्द व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता सुरेंद्र लांबा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता आरएसआरटीसी में सालों से संविदा पर बस सारथी पद पर रहकर कंडक्टर का काम कर रहे हैं रोडवेज ने गत 5 फरवरी को एक आदेश जारी कर सिविल डिफेंस से जुडे स्वयं सेवकों को बस सारथी के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इन स्वयं सेवकों को बस सारथी के कार्य का प्रशिक्षण भी दिया है। याचिका में कहा गया कि उन्हें अंदेशा है कि रोडवेज उन्हें हटाकर इन स्वयं सेवकों को उनके स्थान पर संविदा पर लेना चाहता है। जबकि याचिकाकर्ताओं की सेवा को लेकर आज तक कोई शिकायत नहीं है। वहीं रोडवेज भी उनकी सेवा से पूरी तरह से संतुष्ट है। वहीं संविदा कर्मी को दूसरे संविदा कर्मी से नहीं बदला जा सकता। ऐसे में आरएसआरटीसी को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ताओं को हटाकर सिविल डिफेंस के स्वयं सेवकों को बस सारथी नहीं लगाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को हटाकर सिविल डिफेंस के कार्यकर्ताओं को बस सारथी नियुक्त करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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(Udaipur Kiran)

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