
-राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रयागराज, 29 मई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत वेतन निर्धारण के लिए दोषी करार सहायक उप निरीक्षक पुलिस क्लर्क याची के वेतन से वसूली पर रोक लगा दी है और कहा है जितनी वसूली कर ली गई है वह याचिका के निर्णय की विषयवस्तु होगी।
कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तिथि 5 अगस्त नियत की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने सहारनपुर के कुलतार सिंह राठी की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि वह एसपी कार्यालय हापुड़ में तैनात हैं। जब सहारनपुर में कार्यरत था तो एक पुलिस कर्मी को छठा वेतनमान देने में गलती की। इसमें एक अन्य कर्मचारी धीरेंद्र सिंह भी शामिल था। गलत वेतन निर्धारण के कारण सुरेश चंद्र को 5 लाख 46 हजार 945 रूपये अधिक भुगतान कर दिया गया। अब वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसलिए उनसे वसूली नहीं की जा सकती। इसकी प्रारम्भिक जांच में दोषी करार देते हुए दोनों कर्मचारियों से वसूली का आदेश दिया गया। याची के वेतन से आधी रकम 2 लाख 73 हजार 473 रूपये की वसूली का आदेश दिया गया। जिसे चुनौती दी गई है।
याची का कहना था कि वेतनमान का निर्धारण अधिकारियों के अनुमोदन पर होता है तो उसे ही दोषी मानना उचित नहीं है। बिना विभागीय जांच में दोषी पाये दूसरे कर्मचारी को ग़लत वेतनमान निर्धारण से अधिक भुगतान की केवल उससे वसूली नहीं की जा सकती। याची को वेतनमान निर्धारण से कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसा उसने पुलिस की ड्यूटी करते हुए किया है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और वसूली पर रोक लगा सरकार से जवाब मांगा है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
