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जयपुर, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर से वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदोन्नति पर अप्रैल, 2023 में लगी रोक को हटा लिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को इस संबंध में अपना अभ्यावेदन विभाग में देने को कहा है। वहीं विभाग को इन अभ्यावेदन का दो सप्ताह में तय करने को कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अभ्यावेदन के निस्तारण तक याचिकाकर्ताओं के मामले में यथा-स्थिति रहेगी। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश गजेन्द्र कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं का निस्तारण करते हुए दिए। अदालती आदेश से 5168 कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।
याचिका में अधिवक्ता सुखदेव सिंह सोलंकी ने बताया कि 2 दिसंबर, 2019 को वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर के पद के लिए वरिष्ठता सूची जारी की गई थी। जिसमें याचिकाकर्ताओं का भी नाम था। वहीं बाद में वरिष्ठता में नहीं आने के चलते उनकी पदोन्नति नहीं हुई। याचिका में कहा गया कि विभाग ने साल 2013 से 2022-23 की रिक्तियों के विरूद्ध 23 जनवरी, 2023 को रिव्यू डीपीसी हुई। वहीं वरिष्ठता सूची बनाते समय आरक्षित वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। इसके जवाब में विभाग की ओर से अधिवक्ता अर्चित बोहरा ने कहा कि साल 2018 में नर्सिंग अधीक्षक प्रथम व द्वितीय के पदों को मिलाते हुए नर्सिंग अधीक्षक किया गया था। जिसके चलते पद कम होने ने निचले पदों का प्रभाव पडा। इससे याचिकाकर्ताओं के सिर्फ पदोन्नति मिलने के साल में ही परिवर्तन हुआ। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से आरक्षण के लिए रोस्टर प्रणाली को पूरी तरह लागू किया गया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को इस संबंध में विभाग में अभ्यावेदन देने के आदेश देते हुए शेष पदों की पदोन्नति पर लगी रोक को हटा लिया है।
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(Udaipur Kiran)
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