
जयपुर, 8 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती-2019 के मामले में एकलपीठ के गत 9 जनवरी के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। एकलपीठ ने अपने इस आदेश में भर्ती की मेरिट लिस्ट नए सिरे से बनाने के निर्देश दिए थे। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश संतोष व अन्य की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए। खंडपीठ ने कहा है कि एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता रहे अभ्यर्थियों के लिए भर्ती एजेंसी पद रिक्त रखे। इसके अलावा जो अभ्यर्थी सेवा में हैं, उनके अधिकार इससे प्रभावित नहीं होंगे।
अपील में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने बताया कि आवेदन के समय अपीलार्थी कोर्स की अंतिम साल में थे। भर्ती में चयन होकर वे कई महीनों से सेवा में हैं। अपीलार्थी एकलपीठ के समक्ष पक्षकार नहीं थे और उनकी सेवा को कई महीने हो गए हैं। ऐसे में उन्हें सुने बिना नौकरी से हटाना गलत है। इसके अलावा भर्ती विज्ञापन व राजस्थान पशुपालन सेवा नियम, 1963 बिल्कुल स्पष्ट हैं कि पाठ्यक्रम के अंतिम साल में दाखिला ले चुके अभ्यर्थी नौकरी के लिए पात्र हैं। इसलिए उनके अधिकारों को भी संरक्षित किया जाए। खंडपीठ ने अपीलार्थी की दलीलों से सहमत होकर एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। गौरतलब है कि एकलपीठ के समक्ष दायर याचिकाओं में कहा था कि इस भर्ती की मेरिट लिस्ट में आरपीएससी ने ऐसे अभ्यर्थियों को भी शामिल कर लिया है, जिन्होंने कोर्स के अंतिम साल में एडमिशन लिया है। जबकि नियमानुसार अंतिम साल की परीक्षा में शामिल होने वाले ही भर्ती के लिए योग्य हैं। आरपीएससी की ओर से इस भर्ती में अपात्र अभ्यर्थियों का चयन किया है और इसके चलते वे चयनित होने से वंचित रह गए हैं। जिस पर एकलपीठ ने भर्ती की नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था।
—————
(Udaipur Kiran)
