
– प्रशासन एवं केंद्र से पहुंची चिकित्सकों की टीम कर रही सैंपलिंग और जांच
– पंतनगर विश्वविद्यालय से भी बुधवार को पहुंचेगा विशेषज्ञ डॉक्टरों का दल
रुद्रप्रयाग, 06 मई (Udaipur Kiran) । केदारनाथ यात्रा में पंजीकृत घोड़ा-खच्चरों के इक्वाइन इंफ्लुएंजा संक्रमण से संक्रमित होने के चलते घोड़ा-खच्चरों का संचालन पर लगी रोक अगले 24 घंटे के लिए बढ़ा दी गई है। वहीं, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार से तीन सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल भी रुद्रप्रयाग पहुंच गया है। बुधवार को पंतनगर से भी विशेषज्ञ दल जिले में पहुंचेगा, जो घोड़ा-खच्चरों की सैंपलिंग कर उनके स्वास्थ्य की जांच करेगा।
मुख्य पशु चिकित्सााधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लुएंजा मुख्यत श्वसन मार्ग से फैलता है और बेहद तेजी से एक पशु से दूसरे पशु को संक्रमित करता है। वर्तमान में इस रोग की कोई वैक्सीन नहीं है लेकिन समय पर इलाज और आराम से पशु जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड और आसपास के क्षेत्रों में जैसे ही लक्षण सामने आए, संबंधित गांवों को प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया। जनपद में बाहर से आने वाले प्रत्येक घोड़े और खच्चर की गहन स्क्रीनिंग की जा रही है।
डॉ. आशीष ने बताया कि बीते एक माह में 16,000 से अधिक पशुओं की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है, जिमसें पूर्णतः स्वस्थ पशुओं को ही जनपद में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि तत्काल प्रभाव से यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त पशु चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है। गौरीकुंड समेत अन्य संवेदनशील स्थलों पर सरकारी दवाएं और उपचार सुविधाएं अत्यंत रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्तमान में कुछ पशुओं में दस्त जैसे तीव्र लक्षण देखे गये हैं, जो गंभीर समस्या है। इस समस्या के निरीक्षण और उपचार के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार से विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय चिकित्सकीय दल जांच में जुट गया है।
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(Udaipur Kiran) / दीप्ति
