
नई दिल्ली, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से लगाए प्रतिबंध को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर के राज्यों को निर्देश दिया कि राज्य सरकारें पटाखों पर रोक को लागू करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से न के बराबर प्रदूषण होता है, तब तक बैन के पुराने आदेश में बदलाव का कोई औचित्य नजर नहीं आता।
कोर्ट में सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, एनईईआरआई (नीरी), सीएसआईआर की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि बाकी पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखों से 30 फीसदी कम प्रदूषण होता है। इस रिपोर्ट के मद्देनजर पटाखा निर्माता कंपनियों ने छूट की मांग थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से ना के बराबर प्रदूषण होता है, तब तक बैन के पुराने आदेश में बदलाव का कोई औचित्य नजर नहीं आता।
गुरुवार काे इस मामले की सुनवाई के दौरान मुकेश जैन व्यक्तिगत रूप में पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि मुझे भी अपनी बात करनी है। कोर्ट ने इजाजत दी। उन्होंने पटाखे पर पाबंदी का विरोध करते हुए कहा कि पटाखे पर पाबंदी का फैसला उचित नहीं है। पटाखे तो वायुमंडल को शुद्ध करते हैं। उन्होंने दलील दी कि पटाखे पर रोक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है। तब जस्टिस ओका ने पूछा कि क्या आप विशेषज्ञ हैं। तब उसने कहा कि ’हां, मैं आईआईटी से पढ़ा हुआ इंजीनियर हूं। मुकेश जैन ने मशहूर पर्यावरणविद एमसी मेहता पर भी गंभीर आरोप लगाए। उसने आरोप लगाया कि एमसी मेहता देश विरोधी संस्थाओं से फंड लेते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस व्यक्ति को यह नहीं पता कि एमसी मेहता कौन हैं और उन्होंने पर्यावरण के लिए कितना किया है। काेर्ट ने कहा कि इसके लिए मुकेश जैन पर जुर्माना लगाया जा सकता था, लेकिन इस बार चेतावनी देकर छोड़ रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह
