
बलरामपुर, 26 मई (Udaipur Kiran) । जिले में लगातार हाे रही बेमाैसम बारिश से किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें गहराने लगी हैं। गर्मी के मौसम में लगने वाली मक्के की फसल तो खराब हो ही रही है , इसके अलावा सब्जी वर्ग की फसलों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरगुजा संभाग में आमतौर पर मानसून जून के पहले या दूसरे सप्ताह में ही सक्रिय होता है परन्तु इस वर्ष मई के दूसरे पखवाड़े में ही अचानक लगातार तीन-चार दिनों तक हुई बारिश ने किसानों के उत्साह पर पानी फेर दिया है। अब वे माथा पकड़ कर बैठ गए है। बलरामपुर जिले में किसान धान के बाद मक्के की फसल सबसे ज्यादा लगाते हैं। इसके अलावा सब्जी वर्गीय फसलों का भी भरपूर मात्रा में उत्पादन करते हैं।
गर्मी के मौसम में ज्यादातर किसान अपनी क्षमता के अनुरूप मक्का और सब्जी तो लगाते ही लगाते हैं। यही इनकी आय का मुख्य स्रोत भी होता है। इस वर्ष भी यहां के किसानों ने बहुत उम्मीद के साथ मक्के की फसल लगाई थी। अभी हाल ही में मक्का पककर तैयार हुआ है। किसानों ने मक्के तोड़कर अपने खलिहानों में विधिवत ढेर किया है। बहुतों के मक्के अभी भी खेतों में ही पककर खड़े हैं। किसान आगे कुछ कर पाते कि अचानक हुई भारी बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
बर्बाद हो गई फसल
किसान सुशील मरकाम बताते हैं कि, बेमौसम बारिश ने मक्के को पूरी तरह से खराब कर दिया है। भारी बारिश गर्मी और उमस के कारण मक्के अन्दर ही अंदा खराब होने लगे हैं। मक्कों के दाने काले पड़ रहे हैं। उनमें फफूंद भी लग जाने की आशंका है। खेतों में जो मक्के टूटने की आस में खड़े हैं उन्हें भी अब सूखने तक इंतजार करना होगा। गीली अवस्था में अभी तोड़ पाना संभव नहीं होगा।
वैसे भी खराब दाने वाले मक्के की उचित कीमत किसानों को नहीं मिल पाती है। कभी-कभी तो लागत मूल्य से भी कम कीमत में उन्हें अपनी फसल बेचनी पड़ती है। ऐसे में किसानों का चिंतित होना लाजमी है। यदि यही स्थिति दो चार दिनों तक और बनी रही तो किसान तबाही के कगार पर पहुंच सकते हैं।
सब्जी उत्पादकों को भी बेमौसम की बारिश से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सब्जियों में कीट लगने की शिकायतें भी मिल रही है। लगातार धूप के अभाव से पत्ते पीले पड़ने लगे हैं। फल भी विकृत दिखने लगे है। कुल मिलाकर बेमौसम की बारिश ने किसानों को चिंतित कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
