
बलरामपुर, 19 मई (Udaipur Kiran) । विकासखंड कुसमी के ग्राम चांदो की रहने वाली सीता महतो एक साधारण किसान परिवार की रहने वाली है, बचपन से ही शारीरिक अक्षमता से जूझ रही थी। उनके पिता खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते है, उसके घर में चार बहनें हैं ऐसे में शारीरिक अक्षमता और संसाधनों की कमी के कारण सीमित संसाधनों और आर्थिक कठिनाइयों के चलते सीता को अपनी पढ़ाई तीसरी कक्षा के बाद छोड़नी पड़ी थी।
शारीरिक कठिनाइयों के चलते स्कूल तक पहुंचना उनके लिए लगभग असंभव हो गया था। शिक्षा से दूर होती सीता धीरे-धीरे घर तक सीमित हो गई, और उसका आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ने लगा था। लेकिन सीता के जीवन में आशा की एक नई किरण तब जगी, जब सुशासन तिहार के अंतर्गत उन्हें एक ट्राइसायकिल प्रदान की गई।
ट्राइसायकिल मिलने के बाद सीता की जिंदगी में एक नया मोड़ आया। अब वह न सिर्फ घर से स्कूल तक स्वतंत्र रूप से जा सकती हैं, उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू करने का निश्चय किया है। सुशासन तिहार से सीता का जीवन बदलने जा रहा है, ट्राइसिकल सीता के लिए केवल एक साधन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की सवारी बन गई है।
सीता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो कभी हालातों से हार मानने की सोचते हैं। अब सीता फिर से पढ़ाई शुरू कर अपने सपनों को पूरा करेगी। सुशासन तिहार के माध्यम से कई परिवारों की समस्याएं दूर हुई है और किया गया यह प्रयास हजारों परिवारों के जीवन में बदलाव ला रहा है।
जब सुशासन तिहार के अंतर्गत सीता को टट्राइसाइकिल सौंपी गई तो वहां मौजूद उसके पिता की आँखें नम हो गई। वर्षों से बेटी की लाचारी और उसकी रुकी हुई पढ़ाई का दुःख को दरकिनार कर खुशी और नई उम्मीदें आंखों में संतोष झलक रहा था। सीता के पिता ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी फिर से स्कूल जा पाएगी। यह ट्राइसायकिल हमारे लिए सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि भगवान का दिया वरदान है। वे कहते है कि वर्षों से जिस बेटी को वे मजबूरी में घर बैठा देख रहे थे, आज वही बेटी आत्मविश्वास से मुस्कुराते हुए नए सफर पर निकलने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में आज हर वर्ग की समस्याएं सुनी जा रही है और समाधान भी किया जा रहा है उन्होंने सुशासन तिहार की प्रसंशा करते हुए शासन प्रशासन को धन्यवाद दिया।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
