
झुंझुनू, 11 मई (Udaipur Kiran) । ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू कश्मीर के उधमपुर में सर्वोच्च बलिदानी सार्जेंट सुरेन्द्र कुमार का रविवार को उनके गांव मेहरादासी (मंडावा) में पूर्ण राजकीय व सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके आठ वर्षीय दक्ष ने अपने बलिदानी पिता को मुखाग्नि दी। प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ से बलिदान जवान के परिजनों को ढांढस बंधाया और पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पाकिस्तान की गोलाबारी में बलिदान देने वाले झुंझुनूं के मंडावा के सुरेंद्र कुमार मोगा का पार्थिव शरीर लेकर तिरंगा यात्रा उनके पैृतक गांव मेहरादासी पहुंची। इस दौरान जयपुर से सैन्य टुकड़ी भी पार्थिव देह के साथ पहुंची। रविवार को बलिदानी सुरेन्द्र की
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुटे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। शव यात्रा के समय वंदेमारतम और भारत माता की जय के नारों से पूरा इलाका गूंज रहा था। वायु सेना के ग्रुप कैप्टन विनय भारद्वाज के नेतृत्व में सेना व पुलिस टुकड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
अंतिम संस्कार से पूर्व बलिदानी सुरेन्द्र कुमार को उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा, सैनिक कल्याण एवं युवा और खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नगरीय विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार झाबर सिंह खर्रा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, झुंझुनू सांसद बृजेंद्र ओला, झुंझुनू विधायक राजेंद्र भांबू, नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल, खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर, मंडावा विधायक रीटा चैधरी, उदयपुरवाटी विधायक भगवानाराम सैनी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक गोविंद डोटासरा, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व विधायक शुभकरण चाैधरी, जिला कलक्टर रामावतार मीणा, एसपी शरद चैधरी समेत पूर्व सैनिकगणों, जनप्रतिनिधियों व गणमान्यजनों ने पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
अंत्येष्टि के बाद जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने वीरांगना सीमा को राज्य सरकार की तरफ से 5 लाख रुपये का सहायता राशि का चेक सौंपा और उन्हें ढाढ़स बंधाया और राज्य सरकार की तरफ से हर संभव सहायता की बात कही।
शहीद जवान सुरेन्द्र कुमार 14 वर्ष से भारतीय वायुसेना में सेवारत थे। सुरेन्द्र कुमार अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। ग्रामीणों ने बताया कि वे जब भी गांव आते थे, युवाओं को सिक्योरिटी फोर्सेज ज्वाइन करने के लिए टिप्स देते थे। सुरेन्द्र कुमार अपने पीछे पत्नी सीमा देवी और दो छोटे बच्चों व माता को छोड़ गए। उनका परिवार उनके साथ ही रहता था। उनका बेटा दक्ष 8 साल का और बेटी वृतिका 11 साल की है। उनके पिता शिशुपाल सिंह सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे।
इसी बीच शहीद सुरेन्द्र की बेटी वृतिका (11) का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह कह रही हैं कि मेरे पापा बहुत अच्छे थे। दुश्मनों का खात्मा कर खुद का बलिदान दे दिया। देश की रक्षा की है पापा ने। पापा ने कहा था कि यहां कुछ नहीं हो रहा मैं सेफ हूं। पूरा पाकिस्तान खत्म करना चाहिए। मैं भी बड़ी होकर पापा की तरह सेना में भर्ती होकर दुश्मनों को चुन-चुन कर मारूंगी।
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(Udaipur Kiran) / रमेश
