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जामनगर में दुर्घटनाग्रस्त जगुआर के बलिदानी फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ पंचतत्व में विलीन

शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल लोग।

रेवाड़ी, 4 अप्रैल (Udaipur Kiran) । गुजरात में एयरफोर्स का जगुआर फाइटर हादसे में बलिदानी फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का शुक्रवार

को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके पिता सुशील यादव ने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी।

शुक्रवार को बलिदानी फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर रेवाड़ी पहुंचा। सबसे पहले शव को सेक्टर-18 स्थित उनके घर पर ले जाया गया, जहां परिजनों और स्थानीय लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इस दौरान माता सुशीला यादव और बहन खुशी रोती रहीं। रोते हुए ही मां सुशीला ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मैं देश की हर मां से कहना चाहती हूं कि वे अपने बेटों को देशसेवा के लिए सेना में भेजें। मुझे उसको जन्म देने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा परिवार सेना में था, ये जानते हुए भी मैंने उसे सेना में भेजा। मुझे उसकी शहादत पर गर्व है। इस मौके पर एयरफोर्स जवानों ने मां को सिद्धार्थ की फोटो देकर टोपी सौंपी। इसके बाद गांव में अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। अंतिम विदाई के दौरान एयरफोर्स की टुकड़ी ने हथियार उल्टे किये और फायर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

दरअसल, बुधवार काे गुजरात के जामनगर एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरने के बाद में जगुआर फाइटर क्रैश हो गया था। इस हादसे में पायलट सिद्धार्थ यादव की मौत हो गई। सिद्धार्थ ने वर्ष 2016 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा पास करने के बाद तीन साल के कठिन प्रशिक्षण के बाद वायुसेना में फाइटर पायलट बने। दो साल पहले उन्हें प्रोमोशन मिला था, जिसके बाद वह फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर पहुंचे। सिद्धार्थ की 23 मार्च को सगाई हुई थी और 2 नवंबर को उनकी शादी होने वाली थी।

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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला

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