Uttar Pradesh

श्री गुरूग्रन्थ साहब के भीतर छिपे संदेश को पंजाबी अकादमी और योमीना फाउंडेशन जनता के बीच लाई: बलदेव सिंह औलख

उप्र पंजाबी अकादमी और योमीना फाउण्डेशन की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
उप्र पंजाबी अकादमी और योमीना फाउण्डेशन की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

मुरादाबाद, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । सामाजिक और भाषायी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय एकीकरण में श्री गुरूग्रन्थ साहिब के योगदान पर चर्चा के लिए ‘उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी’ एवं ‘योमीना फाउंडेशन’ की ओर से ‘श्री गुरूग्रन्थ साहिब एवं राष्ट्रीय एकीकरण’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को आरएसडी एकेडमी के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ रागी ओेंकार सिंह और साथियों ने सबद कीर्तन से किया।

मुख्य अतिथि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि श्री गुरूग्रन्थ साहब के भीतर छिपे संदेश को ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच लाने का जो काम पंजाबी अकादमी और योमीना फाउंडेशन ने किया है वह सराहनीय है। स्वागत भाषण योमीना फाउंडेशन की निदेशक अंजलि चौहान ने किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. उमापति दीक्षित, अध्यक्ष, सांध्यकालीन पाठ्यक्रम विभाग, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिख पंथ के दसों गुरूओं का देश और मानव समाज को एकीकृत करने में अनुपम योगदान रहा है। सिखों के पवित्र ग्रन्थ श्री गुरूग्रन्थ साहिब में सभी पंथों और सम्प्रदायों के प्रसिद्ध संतों की बानी को संकलित करने का कार्य किया गया है।

मुख्य वक्ता ओज के प्रसिद्ध कवि डॉ. राहुल अवस्थी ने कहा कि यह देश सिख धर्म के बलिदान को याद रखेगा। 11 मार्च को इस एकीकरण के कार्यक्रम का महत्व बताते हुए कहा कि इसी दिन लाल किले पर 1783 में सिखों ने मुगलों को हराकर निशानसाहिब का परचम लहराया था।

डॉ कोमल सिंह ने कहा कि गुरूग्रन्थ साहिब में सिखो के छह गुरूओं के अतिरिक्त सन्त कबीर, सूरदास, पीपा, कूका, नामदेव, बाबा फरीद आदि की बानी है। जो इसे सर्वधर्म समभाव को स्वीकार्य ग्रन्थ बनाती है।

कार्यक्रम के अन्तर्गत पंजाबी और सिख समाज के युवा प्रशासनिक अधिकारियों, नागरिक और सामाजिक क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को ‘श्री गुरू कृपा सम्मान’ तथा मुरादाबाद के सभी गुरूद्वारा के प्रधानों को ‘श्री गुरूघर सेवा सम्मान’ से भी सम्मानित किया जाएगा। योमीना फाउण्डेशन की निदेशक अंजलि चौहान और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने सभी को सिरोपा, प्रतीक चिह्न भेंट किया।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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