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मंदिरों का प्रबंधन हिन्दू समाज को सौंपा जाए: बजरंगलाल बांगड़ा

विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा

-लिव इन रिलेशनशिप के मामले बढ़ रहे हैं, संतानों की संख्या कम हो रही-युवाओं में हिन्दू संस्कारों की कमी देखने को मिल रही

महाकुम्भनगर, 08 फरवरी (Udaipur Kiran) । विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रन्यासी मण्डल की बैठक को संबोधित करते हुए विहिप के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने शनिवार को कहा कि हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराकर हिन्दू समाज को प्रबंधन के लिए सौंपे जांए। इस अभियान का श्रीगणेश विजयवाड़ा से हो गया है। उन्होंने कहा कि देश परिवर्तन के युग से गुजर रहा है। एक तरफ धार्मिक दृष्टि से श्रद्धा व आस्था का ज्वार समय-समय पर दृष्टि गोचर होता है। चाहे रामजन्मभूमि आन्दोलन हो या राम मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रह अभियान हो, जिस प्रकार से हिन्दू समाज ने अपना सहयोग आशीर्वाद स्वरूप इससे लगा कि राम भक्ति का ज्वार हिन्दू समाज में उठ खड़ा हुआ। महाकुम्भ में जिस प्रकार हिन्दू आस्था के दर्शन हो रहे हैं यह अविस्मरणीय तो हैं। हिन्दू समाज में धर्म के प्रति परम्पराओं के प्रति आस्था व श्रद्धा कहीं अधिक उमड़ती हुई दिखती है। परन्तु साथ में जब सनातन के लिए हिन्दू समाज के दर्शन के विचार के समक्ष जो चुनौतियां हैं उनसे निपटने के लिए​ जिस प्रकार की तैयारी चाहिए वह देखने को नहीं मिलती।

हिन्दू समाज का भविष्य आज के युवाओं पर निर्भरविहिप के महामंत्री ने कहा कि पूजा एक्ट अधिनियम हमारे लिए चुनौती का विषय है। हिन्दू समाज का भविष्य आज के युवाओं पर निर्भर है। प्रयाग व अयोध्या में उमड़ रहे श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या युवाओं की है। परन्तु उनमें हिन्दू संस्कारों की कमी दिखती है। वह हमारा भविष्य है। देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है। परिवार की व्यवस्था के प्रति सम्मान कम हो रहा है। विवाह की आयु बढ़ती जा रही है। लिव इन रिलेशनशिप के मामले बढ़ रहे हैं। संतानों की संख्या कम हो रही है। युवाओं को नशे की लत लग रही है। ऐसी विभिन्न प्रकार की चुनौतियों पर समाज का प्रबोधन करने की आवश्यकता है। इन सब विषयों पर युवाओं का प्रबोधन व जागरण किया जायेगा।

हित चिन्तक अभियान चलायेगी विहिप बजरंग लाल बांगड़ा ने बताया कि हर तीन वर्ष में हम हित चिन्तक अ​भियान चलाते हैं। यह तीसरा वर्ष है। इस वर्ष हम इस अभियान को चलायेंगे और समाज में जागरण की दृष्टि से हित चिंतक बढ़ाने के लिए काम करेंगे। पिछली बार 75 लाख हित चिंतक बनाये गये थे। परन्तु 100 करोड़ से अधिक का हिन्दू समाज में 75 लाख की संख्या बहुत कम है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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