Uttrakhand

सुरक्षा में चूक : राजकीय आश्रय गृह से भागा काठमांडू का बालक बजरंगी, पुलिस तलाश में जुटी 

 (Udaipur Kiran) ।

– दो दिन पहले हरकी पैड़ी क्षेत्र में लावारिस हालत में घूमते मिला था बालक

– अचानक पेट में गड़बड़ी और उल्टी का बहाना बना चकमा देकर हाे गया फरार

हरिद्वार, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरिद्वार के कनखल स्थित आश्रय गृह में रह रहा एक नेपाली बालक बजरंगी सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। काठमांडू नेपाल निवासी 12 वर्षीय बजरंगी पुत्र राजू को दो दिन पहले पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने हरकी पैड़ी क्षेत्र में लावारिस हालत में घूमते हुए पाया था और उसे आश्रय गृह में भर्ती कराया गया था। बालक के भागने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कनखल थाना प्रभारी मनोज नौटियाल ने बताया कि बालक को आश्रय गृह में विशेष देखभाल और सुरक्षा के तहत रखा गया था, लेकिन मंगलवार शाम को बजरंगी ने अचानक पेट में गड़बड़ी और उल्टी होने की शिकायत की। सुरक्षा कर्मियों ने उसकी हालत को देखते हुए उसे बाहर जाने की अनुमति दी। इसी बीच बजरंगी ने मौका पाकर आश्रय स्थल से भागने में सफलता हासिल की।

आश्रय गृह के प्रबंधक ने तुरंत पुलिस को बालक के फरार होने की सूचना दी। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामले में गुमशुदगी दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी है। इसके साथ ही काठमांडू में बजरंगी के परिजनों से संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है।

सुरक्षा में लापरवाही पर सवाल

इस घटना ने आश्रय गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आश्रय गृह में लावारिस और बेसहारा बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं। हालांकि बजरंगी के भागने की घटना ने प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में आश्रय गृह प्रबंधन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के निर्देश दिए हैं।

कौन है बजरंगी?

पुलिस जांच के दौरान पता चला कि बजरंगी नेपाल के काठमांडू का निवासी है। उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं और वह अपने परिवार से बिछड़ गया था। हरकी पैड़ी क्षेत्र में लावारिस हालत में घूमते हुए उसे पुलिस ने देखा और पूछताछ के बाद उसे आश्रय गृह भेजा गया था।

पुलिस ने बनाई विशेष टीम

कनखल पुलिस ने बच्चे की तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की है। बजरंगी की हरकी पैड़ी और आसपास के इलाकों में तलाश जारी है। साथ ही रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में बच्चे की तस्वीरें भेजी गई हैं, ताकि उसे जल्द से जल्द ढूंढा जा सके।

बाल संरक्षण संगठनों की प्रतिक्रिया

बाल संरक्षण संगठनों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आश्रय गृहों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। संगठनों का कहना है कि लावारिस और बेसहारा बच्चों के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों में प्रबंधन की लापरवाही गंभीर मुद्दा है और इसे तुरंत सुधारने की आवश्यकता है।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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