नई दिल्ली, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर के नाम पर दस लाख रुपये लेने के आरोपित सब-इंस्पेक्टर को जमानत दे दी है। स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने आरोपित सब-इंस्पेक्टर को पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
इस मामले में सब-इंस्पेक्टर भूपेश कुमार को सीबीआई ने 15 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के सह आरोपित संदीप कुमार अहलावत को 5 नवंबर को जमानत मिल चुकी है। इस मामले में रिश्वत की रकम भी बरामद हो गई है। जांच करीब-करीब पूरी हो चुकी है। सुनवाई के दौरान आरोपित सब-इंस्पेक्टर की ओर से पेश वकील ऋषभ जैन और कौशल कांत ने कहा कि आरोपित 15 अक्टूबर से हिरासत में है और जांच पूरी हो चुकी है।
जमानत याचिका का विरोध करते सीबीआई ने कहा कि आरोपित सब-इंस्पेक्टर भूपेश कुमार स्थानीय है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो वो निश्चित रुप से गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की कोशिश करेगा। इससे जांच बुरी तरह प्रभावित होगी। सीबीआई ने कहा कि आरोपित इंस्पेक्टर संदीप अहलावत की ओर से दस लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। सीबीआई ने कहा कि गिरफ्तारी के समय सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था।
इस मामले में सीबीआई को किशन नामक व्यक्ति से 11 अक्टूबर को शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 14 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज किया था। भूपेश कुमार और संदीप अहलावत दोनों बुराड़ी पुलिस थाने में तैनात थे। शिकायत में कहा गया था कि बुराड़ी थाने में बृजेश शर्मा ने किशन कुमार, अजय कुमार और नीतीश जायसवाल के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी और इस मामले में जांच अधिकारी संदीप अहलावत थे। किशन कुमार की शिकायत के मुताबिक संदीप अहलावत ने उससे मामले को निपटाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। संदीप अहलावत ने आरोपी सब-इंस्पेक्टर भूपेश से मिलने की बात कही थी। उसके बाद शिकायतकर्ता भूपेश से मिला और एक करोड़ रुपये में मामला रफा-दफा करने की बात तय हुई। भूपेश ने 14 अक्टूबर को बुराड़ी के प्रधान कॉलोनी के फुटबॉल ग्राऊंड पर सुबह मिलने के लिए बुलाया। उसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और 15 अक्टूबर को भूपेश कुमार और संदीप अहलावत को दस लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा