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जेजेएम मिशन घोटाले के ईडी प्रकरण में ठेकेदार पदम चंद को जमानत

जेजेएम मिशन घोटाले के ईडी प्रकरण में ठेकेदार पदम चंद को जमानत

-मंत्री को आरोपित नहीं बनाने को भी सुप्रीम कोर्ट ने माना जमानत देने का आधार

जयपुर, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने जल जीवन मिशन घोटाले में पीएचईडी के ठेकेदार पदमचंद जैन को ईडी प्रकरण में जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस विनोद चन्द्रन की पीठ ने यह आदेश पदम चंद की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत घोटाले के मूल केस में पहले की पदम चंद को जमानत दे चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान देने वाली बात है कि जिस मंत्री को फायदा देने के लिए कथित लेनदेन हुआ है, उस मंत्री को मामले में आरोपित ही नहीं बनाया गया है। अदालत ने कहा कि मामले के मुख्य साक्ष्य दस्तावेज के रूप में हैं और ईडी उन्हें पहले ही जब्त कर चुकी है। इसलिए उनसे छेडछाड की संभावना नहीं है। वहीं प्रकरण में हजारों दस्तावेजों के साथ ही करीब 50 गवाहों का परीक्षण भी होना है। जिसमें समय लगने की संभावना है। इसलिए आरोपित को जमानत दी जाती है।

एसएलपी में पदमचंद जैन की ओर से कहा गया कि प्रकरण में समान भूमिका वाले अन्य आरोपिताें को पूर्व में जमानत का लाभ दिया जा चुका है। इसके अलावा वह लंबे समय से जेल में है और उसे मूल प्रकरण में पहले ही जमानत दी जा चुकी है। इसलिए उसकी विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार कर जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए ईडी की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता आरोपित पीएचईडी टेंडर घोटाले में करीब 136.41 करोड़ रुपए की बडी राशि के गबन में शामिल है। वहीं सह आरोपित पीयूष जैन और संजय बडाया की तुलना में याचिकाकर्ता आरोपित पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपित को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन में फर्जी दस्तावेज से करोडों रुपये के टेंडर लेने के मामले में एसीबी ने साल 2023 में कार्रवाई करते हुए श्याम ट्यूबवेल कंपनी के संचालक पदमचंद जैन, उसके बेटे पीयूष जैन सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वहीं बाद में ईडी ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अलग से प्रकरण दर्ज कर गत 13 जून को पदमचंद जैन को गिरफ्तार किया था।

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(Udaipur Kiran)

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