जयपुर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पाकिस्तान की महिला हैडलर को भारतीय सेना से जुडी सामरिक महत्व की सूचनाएं देने के आरोप में करीब ढाई साल से जेल में बंद सैन्यकर्मी शांति मोय राणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश शांति मोय राणा की द्वितीय जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।
जमानत याचिका में अधिवक्ता सुलेमान खान ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को मामले में झूठा फंसाया गया है। निचली अदालत में हुए एक गवाह के बयान से साफ है कि उसने पाकिस्तान फोन नहीं किया। इसके अलावा अभियोजन पक्ष के पास याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। मामले में 18 गवाहों में से सिर्फ 6 गवाहों के बयान ही दर्ज हुए हैं और वह 25 जुलाई, 2022 से जेल में बंद है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए। इसके विरोध में सरकारी वकील मंजू दवे ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गुप्त सूचनाएं देकर बदले में धनराशि प्राप्त की है। गिरफ्तारी के समय याचिकाकर्ता दो साल से भारतीय सेना में पदस्थापित था। मुखबिर से मिली सूचना पर याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच की गई थी। जिसमें सामने आया कि उसने पाक महिला हैंडलर को सेना के गोपनीय दस्तावेज और युद्धाभ्यास के वीडियो भेजे थे। ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपित को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
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(Udaipur Kiran)