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बाइस सौ करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के मामले में अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन की जमानत याचिका खारिज

बिलासपुर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।छत्तीसगढ़ प्रदेश में 2200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के मामले में आरोपित आबकारी विभाग के निलंबित अधिकारियों अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन की जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आज एक बार फिर से खारिज कर दिया है। जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा की बेंच ने कहा कि दोनों के मिला एफ आरोप पत्र दायर किया गया है और आरोप गंभीर है। इसलिए जमानत पर रिहा करना उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने हाईकोर्ट ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद से दोनों आरोपितों ने अपनी जमानत अर्जी में विभिन्न तर्क दिए थे, लेकिन कोर्ट ने उनके दावों को स्वीकार नहीं किया।कोर्ट ने माना, भ्रष्टाचार वास्तव में मानव अधिकारों का उल्लंघन है। भ्रष्ट लोकसेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना ही भ्रष्टाचार अधिनियम का मकसद है।

उल्लेखनीय है कि, बीते माह हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा ) ने इस शराब घोटाले के साथ-साथ नकली होलोग्राम मामले में भी एफआईआर दर्ज किया है। बता दें कि ईओडब्ल्यू की जांच के बाद, अधिकारियों ने त्रिपाठी और ढिल्लन को गिरफ्तार किया था। अरुणपति त्रिपाठी पहले आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत थे, जबकि त्रिलोक ढिल्लन एक कारोबारी हैं। दोनों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं।

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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