प्रयागराज, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सावन माह में भगवान शिव की मूर्ति तोड़ने व पुजारी पर चाकू से जानलेवा हमला करने के आरोपित इज्जतनगर, बरेली के शाहरुख की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों पर नरम रूख से लोगों की धार्मिक भावनाओं व सामाजिक ताने-बाने को भारी क्षति होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने दिया है।
याची का कहना था कि वह नामित अभियुक्त नहीं है। बाद में उसे फंसाया गया है। याची के भाई साजिद खान ने एस पी को 23 जुलाई 24 को पत्र भेजकर सूचना दी थी कि याची घटना के समय घर पर था। बाद में साढ़े आठ बजे मंडी बाज़ार गया था।
सरकारी वकील का कहना था कि मूर्ति तोड़ने में वह शामिल था। सह अभियुक्त अरशद ने नाम लेकर कहा था कि शाहरुख जल्दी भाग नहीं तो हम पकड़े जायेंगे। पुजारी राम किशन शर्मा व पत्नी अनीता चश्मदीद गवाह है। राम किशन पर याची द्वारा चाकू से हमला भी किया गया था। सह अभियुक्त अकरम मौके से पकड़ा गया है। चाकू भी झाड़ी से बरामद किया गया है। अपराध सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश है। इस आधार पर कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे