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रेप के आरोपित और एक नाबालिग लड़की के प्रेमी को जमानत

दिल्ली हाई कोर्ट फाइल चित्र

नई दिल्ली, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने रेप के आरोपित और एक नाबालिग लड़की के प्रेमी को जमानत दे दी है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने जमानत देते हुए कहा कि लड़कियों से प्यार कर रहे लड़कों के खिलाफ कानून का गलत उपयोग किया जाता है जो यौवन की दहलीज पर पहुंच चुके होते हैं। हाई कोर्ट ने आरोपित लड़के को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि लड़कियों के माता-पिता जो लड़कों से अपनी बेटियों के संबंधों को पसंद नहीं करते हैं उनकी ओर से दायर याचिकाओं की वजह से लड़कों को जेलों में रहना होता है। इस मामले में लड़की की उम्र अपराध के समय 16 साल की थी।

लड़का जो कि बालिग था उसके खिलाफ लड़की का अपहरण कर उस पर रेप करने का आरोप है। लड़की के माता-पिता की ओर से नवंबर 2021 में शिकायत की गई थी कि उनकी बेटी याचिकाकर्ता के साथ रह रही थी। उसके बाद पुलिस ने अपहरण और पॉक्सो की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया था। लड़की ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने बयान में कहा था कि वो अपनी इच्छा से लड़के के यहां गई थी और इसके लिए लड़के ने कोई दबाव नहीं बनाया था।

हाई कोर्ट ने कहा कि 18 से कम उम्र की लड़कियों और 20 से ज्यादा उम्र के लड़को के बीच सहमति से बने यौन संबंधों के मामले कानून का कमजोर पक्ष है क्योंकि कानून की नजर में लड़की की सहमति को वैध सहमति नहीं मानी जाती है। हाई कोर्ट ने पाया कि अक्सर ये देखा गया है कि पॉक्सो के मामले लड़की के परिवारवालों की ओर से दर्ज कराये जाते हैं, जो लड़की के प्रेम संबंधों को स्वीकार नहीं करते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि वो इस सवाल में नहीं पड़ना चाहती है कि याचिकाकर्ता लड़के ने अपराध किया है कि नहीं। हाई कोर्ट की चिंता बस इस बात की है कि याचिकाकर्ता करीब तीन सालों से हिरासत में है। हाई कोर्ट ने पाया कि इस मामले में लड़की के अलावा सभी सार्वजनिक गवाहों का परीक्षण हो चुका है।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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