नई दिल्ली, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने के आरोपित जावेद अली को जमानत दे दी है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने जावेद अली को जमानत देने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित 10 नवंबर 2019 से हिरासत में है और अभियोजन पक्ष ने जो चार्जशीट दाखिल किया है उसमें 221 गवाहों के नाम हैं। इनमें से अभी तक केवल नौ गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। ऐसे में ट्रायल में लंबा समय लगेगा। कोर्ट ने कहा कि आरोपित जमानत के लिए यूएपीए की धारा 43डी शर्तों को पूरा करता है। जावेद अली पर आरोप है उसने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल नईम ऊर्फ सोहैल खान को फंडिंग करता था। अब्दुल नईम के खिलाफ भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक जांच में पता चला कि जावेद अली भी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और 2017 में उसने हवाला के जरिये उसके लिए सऊदी अरब से यूपी के मुजफ्फरनगर पैसे भेजने का इंतजाम किया था। मुजफ्फरनगर में ये पैसे अब्दुल नईम ने प्राप्त किए थे। इन पैसों का उपयोग भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं को रिक्रूट करने के लिए किया जाता था। हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने एक असफल ट्रांजेक्शन के अलावा ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सकी जिससे पता चल सके कि आरोपी अब्दुल नईम को धन भेजता था। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष जिस व्यक्ति के जरिये अब्दुल नईम को धन देने की बात कर रहा है वो सरकारी गवाह बन चुका है और उसे बरी किया जा चुका है।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा