मुंबई, 19 अप्रैल (हिस.)। बांबे हाई कोर्ट ने नवी मुंबई के एक स्कूल के बाहर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) रखने के तीन आरोपियों में से एक को जमानत दे दी है। आरोपी को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि मामले को छह महीने के भीतर पूरा करने के आदेश के बावजूद मामला धीमी गति से आगे बढ़ रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पांच साल में केवल तीन आरोपियों के खिलाफ ही आरोप तय किए गए हैं। एन.आर. बोरकर की एकल पीठ ने आवेदक दीपक दांडेकर के मामले की सुनवाई करते हुए उसे जमानत दे दी। दरअसल नवी मुंबई के नए सुधागढ़ हाई स्कूल के चौकीदार और सिपाही ने 17 जून 2019 को स्कूल गेट के सामने एक वाहन पर एक संदिग्ध वस्तु देखी थी। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। बम निरोधक दस्ता और खोजी कुत्ते घटनास्थल पर पहुंचे। वह वस्तु एक थर्मोकोल बॉक्स थी जो एक चादर से बंधी हुई थी। इसके अंदर एक लोहे के बक्से में प्लास्टिक के कंटेनर थे जिनमें एक घड़ी, तरल पदार्थ और बैटरियां थीं। वस्तु को नष्ट कर दिया गया और घटनास्थल नमूने एकत्र कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
जांच के दौरान घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए गए, जिसमें दो व्यक्ति सामान से भरे वाहन को धक्का देते हुए दिखाई दे रहे थे। 4 जुलाई 2019 को दीपक दांडेकर और दो अन्य सह-आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। सह-आरोपी सुशील साठे ने स्कूल के पास एक ठेले पर विस्फोटक रखा था और सह-आरोपी सुरेश ने विस्फोटक बनाने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई थी। हालांकि जांच के बाद नवी मुंबई पुलिस ने कहा कि तीनों का किसी भी आतंकवादी समूह से कोई संबंध नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
