
जयपुर, 9 मई। भरतपुर, 9 मई (Udaipur Kiran) । सत्र न्यायालय, महानगर प्रथम ने जेल प्रहरी भर्ती-2018 के परीक्षा के पेपर लीक के आरोपी देवव्रत सांगवान की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। पीठासीन अधिकारी नंदिनी व्यास ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी को लंबे समय से अनुसंधान के लिए बुलाया जा रहा था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। उसकी तलाश के लिए कई जगहों पर दबिश दी। इससे केस के अनुसंधान में देरी हुई है। यह मामला सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम व अन्य गंभीर अपराधों से जुड़ा हुआ संगठित अपराध है। आरोपी को जमानत देने से समाज व परीक्षार्थियों का मनोबल भी कम होता है। इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दे सकते।
आरोपी की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया है। वह प्रतिष्ठित व्यक्ति है और 24 मार्च से अभिरक्षा में है। उसके भागने का अंदेशा नहीं है, ना ही वह गवाहों को प्रभावित करेगा। इसके अलावा प्रकरण में कई अन्य आरोपियों की जमानत हो चुकी है, इसलिए उसे जमानत दी जाए। इसके विरोध में लोक अभियोजक लियाकत खान ने कहा कि प्रकरण में अभी अनुसंधान बाकी है। आरोपी ने अन्य सह आरोपी करन व जगजीत सिंह, टीसीएस कंपनी के प्रोजेक्ट कंटेंट मैनेजर से मिलकर पेपर की उत्तर कुंजी नकल गैंग को मुहैया कराई। वहीं उस पर परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी को अभ्यर्थियों को पढवाकर उनका चयन कराने का गंभीर आरोप है। ऐसे में आरोपी को जमानत नहीं दे सकते। दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत में आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)
