-कोर्ट ने कहा, आर्टिस्ट को भी गरिमामय जीवन जीने का अधिकार-आयोजक सुरक्षित व शांतिपूर्ण माहौल में महिला सम्मान के साथ करें कार्यक्रम
प्रयागराज, 08 जनवरी (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट के साथ छेड़छाड़ करने व रेप की धमकी देने के आरोपित आर्गेनाइजर मनीष कुमार यादव को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है और कहा है कि आरोप अविश्वसनीय प्रतीत नहीं होता।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के बयान व एफआईआर के तथ्यों में कोई विरोधाभास नहीं है। आरोप गम्भीर है। याची का आपराधिक इतिहास भी है। अपराध में दंडित होने की सम्भावना को देखते हुए जमानत पर रिहा करने का आधार नहीं है।
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा आर्केस्ट्रा आयोजकों को गायक व डांसर की इज्जत करनी चाहिए। उन्हें भी गरिमामय जीवन का अधिकार है। कोर्ट ने कहा, अक्सर सुनाई देता है कि आर्टिस्ट का मानसिक शारीरिक शोषण किया जाता है। समाज में भी आर्केस्ट्रा आर्टिस्ट को अलग तरीके से देखा जाता है। उनके मानवाधिकार को कमतर समझा जाता है। कोर्ट ने कहा एक आर्टिस्ट की गरिमा उसके आर्ट में है। आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर की जिम्मेदारी है कि वह स्थान व माहौल सुरक्षित व शांतिपूर्ण रखें। महिला का सम्मान करे।
मालूम हो कि, वाराणसी के मंडुआडीह थाने में आर्केस्ट्रा में नाच गाकर परिवार पालने वाली पीड़िता ने याची व उसके दोस्त पर शराब के नशे में अकेले पाकर छेड़छाड़ करने तथा पुलिस को शिकायत करने पर रेप की धमकी देने के आरोप में 4 अक्टूबर 24 को एफआईआर दर्ज कराई। घटना कई बार सितम्बर 24 मे हुई।
आरोपी याची का कहना था कि आरोप झूठे हैं। वह आर्केस्ट्रा आर्गेनाइजर है। वह पीड़िता को गाने नाचने के लिए बुलाता है। पीड़िता ने उससे 25 हजार रूपए लोन लिया और देने से इंकार कर दिया। उल्टे उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। 5 अक्टूबर 24 से वह जेल में बंद हैं। एजीए ने जमानत का विरोध किया। कहा याची पर तीन आपराधिक केस दर्ज है। आरोप गम्भीर है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे