
देहरादून, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । श्री भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कल गाडू घड़ा यात्रा नरेंद्रनगर से ऋषिकेश पहुंची और आज पूरी विधि-विधान व पूजा अर्चना के बाद यात्रा मुनिकीरेती की ओर रवाना हुई। ऋषिकेश में बड़ी संख्या में लोगों ने गाडू घड़ा (तिल तेल कलश) के दर्शन कर पूजा अर्चना की।
परंपरानुसार मंगलवार को टिहरी राजदरबार के नरेंद्रनगर में स्थित महल में भगवान बदरीनाथ के अभिषेक व अखंड दीप जलाने के लिए सुहागन महिलाओं ने तिल का तेल निकाला। इसके बाद नरेंद्रनगर दरबार से गाडू घड़ा यात्रा देर शाम ऋषिकेश पहुंची। यहां श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के चेला चेतराम यात्री विश्राम गृह धर्मशाला रेलवे रोड में श्रद्धालुओं ने गाडू घड़े के दर्शन किए। आज अपराह्न 3ः30 बजे श्री शत्रुघ्न मंदिर मुनिकीरेती के लिए यात्रा का प्रस्थान हुआ।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि तेलकलश मुनिकीरेती से श्रीनगर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर, श्री गरूड़ मंदिर पाखी, श्री नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ, श्री योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर सहित विभिन्न पड़ावों से होकर 3 मई शाम को श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा। श्री नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ से नृसिंह मंदिर से रावल जी, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी व योगबदरी पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी भी 3 मई शाम को श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। 4 मई को प्रातः 6 बजे भगवान बदरीविशाल मंदिर के कपाट खुलेंगे।
(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
