
– भाजपा ने लिया टीएसी बहिष्कार का निर्णय
रांची, 20 मई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार की ओर से आहूत ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी)की बैठक में भाजपा सदस्यों के नहीं जाने की घोषणा की है। मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर मंगलवार को कहा कि हेमंत सरकार आदिवासी विरोधी है। पिछले पांच वर्षों से झारखंड में लगातार आदिवासी समाज पीड़ित हो रहा है। लिहाजा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली टीएसी की बैठक का भाजपा बहिष्कार करती है।
मरांडी ने कहा कि पिछले साढ़े पांच सालों के दौरान झारखंड में आदिवासी समाज के उपर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासियों के हक़ और अधिकार का अतिक्रमण कर रहे हैं, खनन माफिया जल, जंगल और जमीन का दोहन कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने कभी इसका संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा कि हालात तो इतने बदतर हो चुके हैं कि आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले को मुख्यमंत्री की ओर से मुआवजा दिया जा रहा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब सरकार ही आदिवासियों के उत्पीड़न को प्रोत्साहित और पुरस्कृत कर रही है, तो ऐसी स्थिति में टीएसी की बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा, आदिवासी समाज की अस्मिता और उनके अस्तित्व की रक्षा के लिए संकल्पित है। सड़क से लेकर सदन तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
गुजर गए महीने, किसानों को नहीं मिली फसल की कीमतः बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड के हजारों किसान अब भी अपने धान की कीमत का इंतज़ार कर रहे हैं। सरकार ने 72 घंटे में भुगतान का वादा किया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी किसानों को उनके फसल की कीमत नहीं मिली है। चुनाव से पहले सरकार ने प्रति क्विंटल 3100 रुपये में धान खरीदने का वादा किया था, लेकिन अब वह भी जुमला साबित हुआ है। हेमंत सरकार ने अन्नदाताओं के साथ धोखा किया है।
मरांडी ने कहा कि भुगतान में विलंब के कारण किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री से कहा कि जब आप बांग्लादेशी घुसपैठियों को मंईयां सम्मान योजना की राशि देने के लिए संसाधन जुटा सकते हैं, तो फिर अपने ही राज्य के किसानों के भुगतान में क्या बाधा है? तत्काल धान बेचने वाले सभी किसानों के लंबित भुगतान सुनिश्चित करें।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
