Jharkhand

धूमधाम से माना बाबू वीर कुंवर सिंह का विजय उत्सव

बाबू कुंवर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते लोग

रामगढ़, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । रामगढ़ जिले में बाबू वीर कुंवर सिंह का विजय उत्सव बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। देश की आजादी की लड़ाई में बाबू वीर कुंवर सिंह ने इतनी लंबी लकीर खींची कि, आज भी उनका गुणगान लोग करते हैं। यह बातें रामगढ़ के नई सराय स्थित क्षत्रिय धर्मशाला में मुख्य अतिथि कुमार महेश सिंह ने कही। 1857 में जब आजादी की लड़ाई चल रही थी, उस समय बाबू वीर कुंवर सिंह महानायक के रूप में उभरे और अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए। सर्वप्रथम नई सराय चौक स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।

क्षत्रिय धर्मशाला के सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विनय कुमार सिंह ने कहा कि बाबू कुंवर सिंह एक वीर पुरुष थे। आजादी में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। वीर योद्धाओं के बताए मार्ग का अनुसरण करना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्य अतिथि कुमार महेश सिंह ने कहा कि किसी भी समाज में संगठन सर्वोपरि है। देशभक्ति को उजागर करने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। इस मौके पर वकील सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, सुरेश सिंह, मिथिलेश कुमार सिंह, सुधा सिंह ,रेणु सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रोफेसर सरोज देवी सिंह, महेंद्र सिंह, डॉ मृत्युंजय सिंह आदि ने बाबू कुंवर सिंह की की जीवनी पर प्रकाश डाला। सन 1857 में 80 वर्ष की उम्र में भी वीर कुंवर सिंह ने ब्रिटिश सेना के साथ लड़ाई में उन्हें धूल चटा दी थी । हमें उनकी वीरता पर गर्व है।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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