गुप्तकाशी, 23 नवंबर (Udaipur Kiran)
द्वितीय केदार बाबा मद्महेश्वर की देव डोली 20 नवंबर को मंदिर के कपाट बंद होने के बाद विभिन्न पड़ावों से होते हुए आज शनिवार दोपहर 1:30 बजे शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुंची। इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने डोली के दर्शन किए। भक्तों ने पुष्पवर्षा कर डोली का स्वागत किया।
भव्य स्वागत और पूजा-अर्चना
डोली के आगमन पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उपाध्यक्ष किशोर पंवार और मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने यात्रा के सफल समापन पर आभार प्रकट किया।
20 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद देव डोली ने पहले गौंडार, फिर राजकेश्वरी मंदिर और गिरिया में रात्रि प्रवास किया। आज यह श्री ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची, जहां केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती और अन्य धर्माधिकारी एवं पुजारियों ने डोली का स्वागत किया। रावल भीमाशंकर लिंग ने डोली पर स्वर्ण मुकुट चढ़ाकर पूजा-अर्चना की।
आकर्षण का केंद्र बना ओंकारेश्वर मंदिर
मंदिर को 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस वर्ष यात्रा के दौरान 19,577 श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर के दर्शन किए। डोली यात्रा के दौरान स्थानीय वाद्य यंत्रों और जय बाबा मद्महेश्वर के जयघोष ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
शीतकालीन पूजा शुरू
शाम को श्रद्धालु वृद्ध मद्महेश्वर के दर्शन करेंगे। मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि अब शीतकालीन गद्दीस्थल पर पूजाएं शुरू हो गई हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण, पुजारीगण, वेदपाठी और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्रद्धालुओं ने देव डोली के दर्शन के साथ प्रसाद ग्रहण किया।
(Udaipur Kiran) / बिपिन