
जयपुर, 25 मई (Udaipur Kiran) । जयपुर सेंट्रल जेल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें इलाज के नाम पर चार कैदियों को जेल से बाहर निकालकर उन्हें अपनी महिला मित्रों से मिलने के लिए होटलों में पहुंचाया गया। इस पूरे प्रकरण में जेल प्रशासन, डॉक्टर और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। जयपुर पुलिस ने चारों कैदियों और चार पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले लिया है, वहीं जेल के डॉक्टर और अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
कैदियों ने जेल में मौजूद एसटीडी बूथ के माध्यम से अपने संपर्कों से बातचीत कर यह साजिश रची। शनिवार सुबह, पांच कैदी–रफीक, भंवर, अंकित, करण और जोगेंद्र–बीमारी का बहाना बनाकर जेल से एसएमएस अस्पताल रेफर किए गए। डॉक्टर कैलाश ने उन्हें आगे के इलाज के लिए रेफर किया और जेल अधीक्षक को सूचना दी गई। हालांकि पर्ची कटवाने के बहाने कैदी जोगेंद्र को वापस जेल भेज दिया गया, जबकि बाकी चार कैदी – रफीक, भंवर, अंकित और करण – पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से जयपुर के सिंधी कैंप और एयरपोर्ट क्षेत्र के दो होटलों में अपनी महिला मित्रों से मिलने पहुंच गए। जांच में सामने आया कि यह योजना पहले से तैयार की गई थी।
पहले से की गई थी योजना तैयार
कैदियों ने एसटीडी सुविधा का दुरुपयोग कर अपने परिचितों से मुलाकात की योजना बनाई थी। अस्पताल पहुंचने पर उनके साथी पहले से मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें होटलों तक पहुंचाया। पुलिस को शक है कि इस साजिश में जेल के डॉक्टर और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। आरोप है कि पुलिसकर्मियों को लालच देकर इस योजना में शामिल किया गया।
लोकेशन ट्रैक कर दबोचा
जेल सूत्रों से सूचना मिलने के बाद जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने चालानी पुलिसकर्मियों की लोकेशन ट्रैक की और एयरपोर्ट व सिंधी कैंप थाना क्षेत्रों से चारों कैदियों और चार पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया। इस संबंध में जालुपुरा और एयरपोर्ट थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। पूछताछ के दौरान पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता रही।
पहले भी हो चुकी थी ऐसी घटना
जानकारी के अनुसार, कैदियों ने एक माह पहले ही एलर्जी का बहाना बनाकर डॉक्टर से पर्ची कटवा ली थी। इसी आधार पर उन्हें एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। आरोपी अंकित एक साल से जीएसटी चोरी के मामले में जेल में बंद है और पूर्व में भी एसएमएस अस्पताल में अपनी महिला मित्र से मिल चुका है। होटल बेला कासा से पकड़े गए अंकित के भाई के पास से ₹45 हजार और कैदियों के आईडी कार्ड बरामद हुए हैं। अन्य आरोपी करण जमीन धोखाधड़ी, रफीक उर्फ बकरी हत्या और भंवर बलात्कार के मामले में जेल में बंद हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि इस पूरे मामले में लाखों रुपये के लेन-देन की संभावना है और जांच में कई अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और जेल में चल रही अनियमितताओं का बड़ा खुलासा हो सकता है।
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(Udaipur Kiran)
