HEADLINES

आयुष डॉक्टर भी 62 वर्ष की आयु तक सरकारी सेवा में बने रहने के हकदार

आयुष डॉक्टर भी 62 वर्ष की आयु तक सरकारी सेवा में बने रहने के हकदार

जोधपुर, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाइकोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार राय की रिट याचिका स्वीकार कर 62 वर्ष आयु पूर्ण होने तक राजकीय सेवा में रखने के आदेश दिए है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. दिनेश कुमार राय की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका दायर कर कहा कि याचिकाकर्ता वर्ष 1989 में आयुर्वेद चिकित्सक के पद पर आयुर्वेद विभाग राजस्थान सरकार में नियुक्त हुआ था और तब से ही राजकीय सेवारत है औऱ विगत 8 वर्षों से राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर में अपनी अध्यापन सेवाएं दे रहा है। उसके विरुद्ध कोई भी सेवा संबंधी शिक़ायत नहीं है व वर्तमान में उसके पास चार पदों का भी दायित्व है। सेवा नियमों में 60 वर्ष की आयु होने पर अधिकारी के सेवानिवृत्त होने का प्रावधान है। ऐसे में राज्य सरकार स्वयं ने एलोपैथी डॉक्टर्स के लिए सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 वर्ष करने का पॉलिसी निर्णय लेकर आदेश जारी कर दिया लेकिन समकक्ष आयुष चिकित्सकों के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया, जो भेदभावपूर्ण औऱ गैर कानूनी हैं।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता खि़लेरी ने बताया कि स्वास्थ्य विज्ञान में इलाज के लिए एलोपैथी और आयुर्वेद दोनों पद्धति का प्रावधान है औऱ दोनों में ही चिकित्सक बारहवीं के बाद संबंधित चिकित्सा विज्ञान में स्नातक उत्तीर्ण होते हैं तथा वर्तमान जीवन व समय मे आयुर्वेदिक इलाज का प्रचलन काफ़ी होने से अनुभवी आयुष चिकित्सक की ओर जरूरत बढ़ जाती हैं। साथ ही दोनों पद्दति के चिकित्सक राजपत्रित अधिकारी होते हैं ऐसे में रिटायरमेंट उम्र में भेदभाव करना उचित नहीं होकर मनमाना व असवैधानिक है। रिट याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश फरजंद अली ने आदेशित किया कि याचिकाकर्ता अभी भी 60 वर्ष का नहीं होकर राजकीय सेवा में है इसलिए उसके 62 वर्ष की आयु होने तक सेवा में नियमित/बरकऱार रखा जाए।

(Udaipur Kiran) / सतीश / संदीप

Most Popular

To Top