जम्मू, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । हाल ही में राजौरी जिले के नैली गांव के गुज्जरों और बक्करवालों समेत विभिन्न समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण बातचीत और जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को वन अधिकार अधिनियम, डेरा प्रवास प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना और उनके सामने आने वाली किसी भी कठिनाई का समाधान करना था।
इस कार्यक्रम ने सूचनाओं के बहुमूल्य आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की जिससे गुज्जरों और बक्करवालों को अपने अधिकारों और प्रवास की प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिली। इसके अतिरिक्त इसने एक-दूसरे के रीति-रिवाजों और मान्यताओं के बारे में गहरी समझ को बढ़ावा दिया जिससे समुदायों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व में योगदान मिला। व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए एफआरए के बारे में विस्तृत जानकारी वाले पर्चे वितरित किए गए।
समुदायों के 26 सदस्यों ने सत्र में भाग लिया। स्थानीय लोगों ने इस कार्यक्रम का गर्मजोशी से स्वागत किया। दूरदराज के इलाकों में जहां नागरिक प्रशासन की पहुंच सीमित है वहां पहुंचने में सेना के सक्रिय दृष्टिकोण की बहुत सराहना की गई। इस प्रयास ने न केवल तात्कालिक चिंताओं को संबोधित किया करने में मदद की है बल्कि सेना और स्थानीय निवासियों के बीच संबंधों को भी मजबूत किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह