
जम्मू, 3 जून (Udaipur Kiran) । स्थानीय नागरिकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के अपने प्रमुख उद्देश्य के तहत सेना ने राजौरी के हसप्लोट, थनमंडी, मारहा और आसपास के क्षेत्रों में नशा मुक्ति पर जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और स्थानीय लोगों को नशा एवं धूम्रपान से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना था।
व्याख्यान में कुल 98 लोगों ने भाग लिया, जिनमें हसप्लोट से 18 पुरुष और 5 बच्चे, थनमंडी से 1 शिक्षक और 30 छात्र, जबकि मारहा से 20 पुरुष, 7 महिलाएं और 17 छात्र शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान सेना के एक अधिकारी ने उपस्थित युवाओं और बच्चों को बताया कि किस प्रकार नशा और धूम्रपान युवाओं को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है।
अधिकारी ने बताया कि नशे की लत मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालती है, जिससे अवसाद, व्यवहारिक विकार, आत्मघाती प्रवृत्ति और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हृदय रोग व गुर्दा खराबी हो सकती हैं। उन्होंने बच्चों को समझाया कि नशे से बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है और इसका प्रारंभिक स्तर पर ही रोकथाम आवश्यक है। बच्चों और युवाओं को अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित रहकर समाज, पर्यावरण और देश के प्रति ज़िम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा दी गई। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि भारतीय सेना भविष्य में भी ऐसे प्रयासों में युवाओं का मार्गदर्शन और सहयोग करती रहेगी।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
