जम्मू 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू नगर निगम (जेएमसी) के पशु चिकित्सा अनुभाग द्वारा मंगलवार को जेएमसी सीमा के भीतर काम करने वाले पशु मालिकों के लिए जागरूकता-सह-पंजीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विवाह बग्गी-घोड़ा और अन्य काम करने वाले पशुओं के मालिकों को उनके काम करने वाले पशुओं के पंजीकरण के लाभों के बारे में जागरूक करना था जो कि बोझा ढोने वाले और पैक पशु क्रूरता निवारण नियम 1965 और जम्मू.कश्मीर नगर निगम अधिनियम 2000 के अनुसार है।
कार्यक्रम में आयुक्त जेएमसी, डॉ. देवांश यादव के साथ उप निदेशक अनुसंधान, एएचडी जम्मू डॉ. राकेश कौल, एमवीओ, जेएमसी डॉ. जसवंत सिंह, वीएएस, जेएमसी डॉ. दिव्या शर्मा के अलावा लैब अधिकारी डीडीआर लैब डॉ अभिमन्यु चौहान और डॉ. अश्वनी बासन मौजूद थे।
आयुक्त ने हितधारकों के साथ जेएमसी के साथ अपने काम करने वाले पशुओं के पंजीकरण के महत्व और इसके लाभों के बारे में बातचीत की। पशु चिकित्सा अनुभाग की टीम ने हितधारकों को स्वास्थ्य और फिटनेस की स्थिति, उनके काम के घंटों की अवधि, पशुओं पर भार की क्षमता और इन काम करने वाले पशुओं के विभिन्न पशु कल्याण मुद्दों के महत्व के बारे में जानकारी दी। आरएफआईडी टैगिंग और रक्त के नमूने की जांच के बाद 30 पंजीकरण प्रमाण पत्र मौके पर ही जारी किए गए। 50 पशुओं को रेबीज और टेटनस के लिए मुफ्त टीके लगाए गए।
जेएमसी का पशु चिकित्सा अनुभाग जम्मू नगर निगम की सीमा के भीतर काम करने वाले पशुओं के साथ क्रूरता की घटनाओं को कम करने के लिए विभिन्न अभियान चला रहा है। साथ ही जम्मू नगर निगम से उचित लाइसेंस प्राप्त किए बिना उनके मालिकों द्वारा इन जानवरों को ले जाने की घटनाओं को भी कम करने के लिए अभियान चला रहा है।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी