
त्रेतायुगीन वैभव से सराबोर की जा रही अयोध्या
लखनऊ,04 जून (Udaipur Kiran) । श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार व सात देवी देवताओं के उप मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का महाअनुष्ठान वैदिक विद्वानों के निर्देशन में चल रहा है। इन मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा गुरूवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा के दिन 05 जून को रामलला का वीवीआई दर्शन नहीं हो सकेगा।
अयोध्या के कायाकल्प का काम जारी
अयोध्या के संत गयादास ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जितनी बार गए, अयोध्या को कुछ न कुछ सौगात देकर आए। उनकी मंशा अयोध्या को दुनिया का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाने की है। इसके अनुरूप ही अयोध्या के कायाकल्प का काम जारी है। योगी सरकार की मंशा है कि अयोध्या उतनी ही भव्य दिखे जितनी त्रेता युग में थी। इसकी कल्पना गोस्वामी तुलसीदास ने कुछ इस तरह की है, ‘अवधपुरी अति रुचिर बनाई। देवन्ह सुमन बृष्टि झरि लाई।’ अयोध्या के इस स्वरूप की एक झलक दीपोत्सव के दौरान दिखती भी है। कायाकल्प के बाद यह स्वरूप स्थायी हो जाएगा। तब भगवान श्रीराम की अयोध्या कुछ वैसी ही होगी जिसका वर्णन उन्होंने खुद कभी इस तरह किया था। ‘अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ, यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ, जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि। उत्तर दिसि बह सरजू पावनि।’
हिन्दुओं से सपने को मूर्त कर रहे योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिन्दुओं के सपने को मूर्त रूप दे रहे हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपनी पद की गरिमा का पूरा खयाल रखते हुए कभी राम और रामनगरी से दूरी नहीं बनाई। मुख्यमंत्री के रूप में याेगी ने ही अयोध्या का सबसे अधिक दाैरा किया है। नतीजा सबके सामने है। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राम मंदिर के पक्ष में देश की शीर्ष अदालत का फैसला आया। देश और दुनिया के करोड़ों रामभक्तों, संतों, धर्माचार्यों की मंशा के अनुसार योगी की मौजूदगी में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्मभूमि पर भव्य एवं दिव्य राम मंदिर की नींव रखी। युद्ध स्तर पर इसका जारी निर्माण अब पूर्णता की ओर है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
