–एएमए में वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन
प्रयागराज, 01 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । ऑटोइम्यून बीमारियाँ ऐसी स्थितियाँ हैं जो तब होती हैं जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर की रक्षा करने के बजाय उस पर हमला करती है। अगर आपको कोई ऑटोइम्यून बीमारी है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली जितनी होनी चाहिए, उससे ज्यादा सक्रिय हो जाती है। क्योंकि हमला करने के लिए कोई हमलावर नहीं होता, इसलिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर पर हमला करती है और स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है।
उक्त विचार डॉ0 प्रशांत कुमार वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट लाल पैथ लैब फरीदाबाद ने ऑटोइम्यून डिसआर्डर के आधुनिक उपचार पद्धति पर अपने व्याख्यान में व्यक्त किया। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन सभागार में रविवार को आयोजित वैज्ञानिक संगोष्ठी में उन्होंने बताया कि ऑटोइम्यून रोग दीर्घकालिक स्थितियां हैं। यह रोग कई तरह के लक्षण पैदा कर सकते हैं। ये आपके शरीर को लगभग सिर से लेकर पैर तक प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा की आपकी मांसपेशियों को प्रभावित करने वाली स्थितियां मांसपेशियों की कमज़ोरी का कारण बन सकती हैं। अगर आपको रुमेटीइड गठिया जैसी कोई बीमारी है, तो आपको जोड़ों में दर्द, सूजन या अकड़न भी हो सकती है।
डॉ प्रशान्त ने बताया कि ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण में गरमी या ताप का अहसास, आपकी त्वचा पर रंग का फीका पड़ना या लालिमा आना, सूजन, दर्द, प्रमुख है। इन रोगों का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। क्योंकि गैर विशिष्ट लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होते हैं। चिकित्सा पेशेवर निदान करने के लिए चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षा, प्रयोगशाला परीक्षण और इमेजिंग अध्ययन के संयोजन का उपयोग कर सकते हैं।
एएमए अध्यक्ष डॉ जेवी राय ने वक्ता को स्मृति चिंन्ह एवं चेयरपर्सन डॉ एसएन अहमद, डॉ युगान्तर पाण्डेय, डॉ कचनार वर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सहायक सचिव डॉ पंकज गुप्ता ने संगोष्ठी का संचालन तथा संगोष्ठी के अंत में एएमए सचिव डॉ आशुतोष गुप्ता ने सभी उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन किया और भविष्य में ऐसे ही संगोष्ठी कराने का आश्वासन दिया। संगोष्ठी में डॉ कमल सिंह, डॉ अशोक कुमार मिश्रा, डॉ सुबोध जैन, डॉ सुजीत सिंह, डॉ राजेश मौर्या, डॉ अनूप चौहान, डॉ सपन श्रीवास्तव, डॉ अतुल दूबे, डॉ प्रभात पंकज खत्री, डॉ पारूल सक्सेना, डॉ वर्षा कुमार आदि उपस्थित रहें।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र