Uttrakhand

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को प्राधिकरण देगा बढ़ावा

मसूरी—देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी बुधवार को उरेडा,यूपीसीएल व बिल्डर एसोसिएशन के साथ बैठक करते हुए।

-यूपीसीएल,उरेडा के अधिकारियों और बिल्डर एसोसिएशन की हुई बैठक

-राज्य स्तर पर तमाम प्राधिकरण और बिल्डर्स के साथ कि जाएगी बैठक

देहरादून, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने राज्य में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को अधिकाधिक बढ़ावा देने के लिए अहम पहल की है। जल्द ही इस मामले में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के तमाम प्राधिकरण से अभियंताओं और बिल्डर्स को आमंत्रित किया जाएगा ताकि इस योजना के लिए सभी को प्रोत्साहित किया जा सके।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बुधवार को इस संबंध में उरेडा, यूपीसीएल व बिल्डर एसोसिएशन के साथ बैठक की। उपाध्यक्ष ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के जरिये जहां न केवल छोटे व बड़े स्तर पर रोजगार सृजन हो रहा है। सौर स्वरोजगार योजना से आवासीय एवं ग्रुप हाउसिंग इत्यादि को सौर विद्युत उत्पादन से आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द सभी प्राधिकरणों की एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

इस अवसर पर यूपीसीएल से सीईओ आशीष अरोड़ा और उरेडा के पीपीओ मनोज अरोड़ा की ओर से उपाध्यक्ष के समक्ष अपना प्रस्तुतिकरण दिया गया। बताया गया कि यह प्लांट लगाने पर यूपीसीएल 4 रुपये 69 पैसे की दर से बिजली की खरीद करता है।

इस अवसर पर उरेडा, यूपीएसीएल के अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा एमडीडीए के अधीक्षण अभियंता एचसी राणा, समस्त अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, बिल्डर एसोसिएशन के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

आरडब्लूए को अपने स्तर पर करें कूड़े का निस्तारण:

उपाध्यक्ष की ओर से इस अवसर पर बिल्डर एसोसिएशन से कहा गया कि प्राधिकरण क्षेत्र में अवस्थित आरडब्ल्यूए (रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) में घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण अपने स्तर से भी करना सुनिश्चित करें। निगम की ओर से यह कार्य किया जाता है लेकिन अगर हम अपने स्तर पर भी यह कार्य प्रारंभ करेंगे तो निगम को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आरडब्लूए अपने स्तर पर प्लास्टिक,फल-सब्जी इत्यादि कूड़े को अलग-अलग कर इससे खाद आदि बना। इससे न केवल आय होगी बल्कि निगम को भी कूड़ा निस्तारण में आसानी होगी।

ग्रीन एरिया का मतलब केवल घास ऊगाना नहीं:

उपाध्यक्ष ने बिल्डर एसोसिएशन को स्पष्ट किया कि आरडब्लूए में ग्रीन एरिया से मतलब केवल घास उफान से नहीं है बल्कि उक्त ग्रीन एरिया में फलदार पेड़ों का रोपण किया जाए। जिससे आने वाले दिनों में शहर के बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिले।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

Most Popular

To Top