नई दिल्ली, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष की मां को अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बच्चा अपनी मां के पास है और अगर दादी को बच्चे की कस्टडी चाहिए तो वो उचित कानूनी फोरम का इस्तेमाल कर सकती हैं।
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतुल सुभाष की पत्नी को निर्देश दिया है कि वो अपने बच्चे को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश करें। ये बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका है, इसलिए हम बच्चे को देखना चाहते हैं, कृपया बच्चे को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश करें। उसके बाद 4 साल का बच्चा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई से जुड़ा। कोर्ट ने थोड़ी देर बच्चे से बात की। कोर्ट ने निकिता सिंघानिया के अलावा अतुल सुभाष के भाई से भी बात की।
कोर्ट ने कहा कि जब यह केस दाखिल हुआ था, तब बच्चे की मां हिरासत में थी। बच्चे की दादी ने तीन राज्यों को पक्षकार बनाते हुए बच्चे का पता लगाने की मांग की थी लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। बच्चे की मां हिरासत से बाहर है। बच्चा उसके पास है। ऐसे में अगर दादी को बच्चे की कस्टडी चाहिए तो वो उचित कानूनी फोरम में जाएं। अब सुप्रीम कोर्ट आगे सुनवाई नहीं कर सकता है।
अतुल सुभाष की मांग अंजू देवी की अपने पोते की कस्टडी के लिए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि अतुल सुभाष का बेटा कहां है ये किसी को भी पता नहीं है क्योंकि अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया बच्चे का पता किसी को नहीं बता रही है। इस घटना के बाद अतुल के साले अनुराग सिंघानिया और मां निशा सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया गया था।
बतादें कि 09 दिसंबर 2024 को अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में खुदकुशी कर ली थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा