बलिया, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । चर्चित नरही थाना अवैध वसूली कांड की गाज जिले के एसपी से लेकर चौकी प्रभारी तक पर गिरी है। इस मामले में सख्त शासन ने जहां एसपी व एएसपी को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया है। वहीं, सम्बंधित सीओ को निलंबित कर दिया गया है। जबकि निलंबित एसओ, चौकी प्रभारी व पांच अन्य पुलिसकर्मियों समेत 23 पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
जिले का चर्चित थाना नरही के भरौली में यूपी-बिहार बार्डर पर चल रही अवैध वसूली पर एक्शन लेते हुए एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ रेंज वैभव कृष्ण ने गुरुवार से दोपहर तक संयुक्त छापेमारी की थी। जिसमें यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित भरौली चेक पोस्ट पर ट्रकों से अवैध रूप से वसूली करते हुए दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस कर्मियों के साथ अवैध रूप से वसूली में लिप्त 16 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई में नरही थाना प्रभारी और पूरी कोरण्टाडीह पुलिस चौकी निलम्बित कर दी गई थी।
अब इस मामले में नरही थाने के निलंबित इंस्पेक्टर पन्नेलाल, कोरण्टाडीह पुलिस चौकी के निलंबित प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर व पांच आरक्षियों समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। जबकि एसपी से लेकर चौकी तक के जिम्मेदार नप गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसपी देवरंजन वर्मा और एएसपी डीपी तिवारी को हटा कर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। वहीं, सीओ सदर को निलम्बित कर दिया गया है। शासन ने निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच एसपी आजमगढ़ द्वारा की जा रही है। वहीं, निलंबित सीओ व एसओ समेत उन सभी की संपत्ति की जांच विजिलेंस करेगा, जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस कार्रवाई से प्रदेश भर के पुलिस महकमे में हड़कंप है।
(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी / मोहित वर्मा