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अटल जी देश-समाज बनाने के लिए करते थे राजनीति : राजनाथ सिंह

स्वास्थ्य मेला को संबोधित करते राजनाथ सिंह
अटल स्वास्थ्य मेले में मुख्यमंत्री योगी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

-अटल जी के पदचिह्नों पर चलकर मोदी ने भी प्रारंभ की स्वास्थ्य संबंधी अनेक योजनाएं

लखनऊ, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब अटल जी संसद में नेता प्रतिपक्ष थे। उस समय संयुक्त राष्ट्र संघ के फोरम पर जेनेवा में भारत का पक्ष प्रस्तुत करना था, तब नरसिम्हा राव ने कहा कि यह कार्य प्रभावी ढंग से केवल अटल जी ही कर सकते हैं। अटल जी जेनेवा गए। अटल जी का व्यक्तित्व विलक्षण था। यह ऐसे लोग होते हैं, जो राजनीति कुछ प्राप्त करने, कद ऊंचा करने के लिए नहीं बल्कि देश-समाज बनाने के लिए करते थे। रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंगलवार को दिलकुशा लाॅन, कैंटाेमेंट लखनऊ में ‘अटल स्वास्थ्य मेला’ का शुभारंभ किया। राजनाथ सिंह ने अटल जी से जुड़े संस्मरण भी सुनाए।

रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक योजनाएं प्रारंभ कीं। मोदी जी भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं। देश में 40 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है। इसके तहत अब 70 वर्ष से ऊपर हर किसी काा पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज होगा। जनऔषधि केंद्रों पर भी 50 से 80 फीसदी सस्ती दवाएं प्राप्त हो रही हैं। लोगों को इन केंद्रों की जानकारी देनी चाहिए। हमारी सरकार आने के बाद मोदी जी के नेतृत्व में 22 एम्स को स्वीकृति दी गई थी। इसमें 12 से अधिक एम्स बनकर तैयार हो गए, 4 पर कार्य चल रहा है। 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, अब इनकी संख्या 780 हो गई है। एमबीबीएस की सीटें पहले 50 हजार थीं, अब 1.20 लाख पहुंच गई हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपी में भी योगी जी के नेतृत्व में डबल इंजन की भाजपा सरकार स्वास्थ्य कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश में तेज एंबुलेंस सेवा योगी जी ने प्रारंभ की। त्वरित उपचार व हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में योगी जी के कार्यों की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है। योगी सरकार ने मेडिकल कॉलेज की संख्या व सीटों में वृद्धि का नया रिकॉर्ड कायम किया है। अलग-अलग चरणों में केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा 2017 में 27 मेडिकल कॉलेज बनने शुरू हुए हैं। 14 मेडिकल कॉलेज काम करने लगे हैं। 13 में काम चल रहा है, यह जल्द ही जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगा। यह सब योगी जी के नेतृत्व वाली सरकार के विजन के मुताबिक हो रहा है। आने वाले समय में यूपी के हर जनपद में मेडिकल कॉलेज होगा।

योगी जी के आने के बाद अच्छे-अच्छाें की तबीयत दुरुस्त हाे गई है-

रक्षा मंत्री ने कहा कि योगी जी के आने के बाद अच्छे-अच्छों की तबीयत दुरुस्त हो गई है। 2017 में भाजपा की डबल इंजन सरकार बनी तो इंसेफेलाइटिस के खात्मे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्य किया। इसकी मॉनीटरिंग खुद योगी जी कर रहे थे। आज इंसेफलाइटिस के कारण पूर्वांचल व यूपी से मरने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर हो गई है। गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र रहे रक्षा मंत्री ने कहा कि पढ़ते समय मैंने हॉस्पिटल के सामने से बच्चों के शव को ले जाते माता-पिता को देखा है। सीएम बनने के बाद मैंने भी इंसेफेलाइटिस से निजात के लिए लोगों से चर्चा की पर किसी के पास सटीक उपाय नहीं था, लेकिन योगी जी ने गोरखपुर, यूपी-बिहार के इंसेफेलाइटिस से प्रभावित कई जनपदों को निजात दिलाने में कामयाबी हासिल की।

योगी सरकार के सहयोग के बिना लखनऊ का विकास संभव नहीं-

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्य के रूप में प्रस्तुत करते हुए विशेष पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री याेगी ने लखनऊ के विकास का सारा श्रेय मुझे दे दिया, यह श्रेय मुझे ही नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि यह विकास कार्य योगी आदित्यनाथ की सरकार के सहयोग के परिणामस्वरूप हुआ है। यूपी सरकार के सहयोग के बिना यह संभव नहीं हो सकता है।

अटल जी के कृतित्व व व्यक्तित्व से प्रभावित रहा विश्व-

रक्षा मंत्री ने कहा कि कल अटल जी की आयु के 100वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। पूरे देश में जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। दुनिया के कई देशों में रहने वाले भारतीय भी अपने देश में अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष को मना रहे हैं। पूरा विश्व-देश उनके कृतित्व व व्यक्तित्व से प्रभावित रहा, लेकिन लखनऊ वाले अपेक्षाकृत अधिक परिचित हैं।

सुबह जगने की बजाय अब सुबह तक जग रहे हैं लोग-

रक्षा मंत्री ने डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य परिकल्पना पर भी चर्चा की। बोले-बदलती दुनिया के साथ खानपान, रहन-सहन में बदलाव हो रहा है। अब सुबह से जगने की बजाय लोग सुबह तक जग रहे हैं। पहले जलपान-भोजन अलग होते थे, लेकिन अब ब्रेकफॉस्ट व लंच मिलकर ‘ब्रंच’ हो गया। जैसे-जैसे समय व संस्कृति बदल रही है, वैसे-वैसे खानपान पर भी असर पड़ रहा है। यह बदलाव स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल रहे हैं। बीमारियों को चुनौती के रूप में स्वीकार कर केंद्र व राज्य सरकारों ने प्रभावी कदम उठाए गए हैं। अन्य देश भी स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत के कार्यों की सराहना कर रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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