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—भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जन्म शताब्दी समारोह में कवियों ने अपनी रचनाओं से दी श्रद्धांजलि
वाराणसी,25 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के शताब्दी जयंती ,सुशासन दिवस पर बुधवार की शाम कवियों ने अपनी रचनाओं से उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहर दक्षिणी विधानसभा के नवापुरा औसानगंज स्थित डीएवी डिग्री कालेज के सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन और गोष्ठी में प्रबुद्धजनों ने भी अटल जी से जुड़े संस्मरणों को साझा किया।
गोष्ठी में शामिल शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने कहा कि सम्पूर्ण देश अपने भारत रत्न अटल को, उस आदर्श विभूति के रूप में याद कर रहा है, जिन्होंने अपनी सौम्यता, सहजता और सहृदयता से करोड़ों भारतीयों के मन में जगह बनाई। अटल जी को नमन करते हुए विधायक ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद प्रथम बार भारत को सशक्त बनाने की मुहिम की शुरुआत अटल जी ने की थी। उन्होंने कहा कि अटल जी ध्रुवतारे के समान अनंत काल तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के पथ पर दिशा दिखाते रहेंगे। अटल जी ने अपने शासनकाल में सुशासन की नींव को मजबूती दी। पोखरण परीक्षण की सफलता जैसे कई उदाहरण इस बात का प्रमाण है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, रोज़गार हर क्षेत्र में अटल जी ने अपने शासनकाल में संबल प्रदान किया। विधायक डॉ तिवारी ने भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को स्मरण कर कहा कि सनातन धर्म व हिन्दू संस्कृति की रक्षा और संवर्धन में मालवीय जी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इसके बाद काव्यांजलि में कवियों ने पढ़ा-बैठ जाता हूं खाक पर अक्सर, मुझे मेरी औकात अच्छी लगती है। तन्हा गमे हयात का शिकवा नहीं है अब, पर तुम सा हम सफर हो तो हर गम कुबूल है। तो किसी ने पढ़ा- धूमकेतु साहित्य के, राजनीति के संत। अटल अचल अविराम थे, मेधा अमित अनंत। देशप्रेम पहले रहा, बाकी उसके बाद। जीवन को आहूत कर, किया देश आबाद। काव्यांजलि अर्पित करने वाले कवियों में सांड बनारसी , दमदार बनारसी, सलीम शिवालवी, डॉ प्रशांत सिंह, सौरभ त्रिपाठी, विभा सिंह ,ओमप्रकाश सिंह, एवं समर ग़ाज़ीपुरी रहे। कवि सम्मेलन का संचालन दमदार बनारसी ने किया। कार्यक्रम में कालेज प्रबंधक अजीत कुमार सिंह, प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल, उपाचार्य प्रो. राहुल, प्रो. बृजभूषण ओझा, पंडित दीपक मालवीय, संदीप चतुर्वेदी, आलोक शुक्ला, आलोक श्रीवास्तव, नलिन नयन मिश्र, संदीप चौरसिया, गोपाल जी गुप्ता, प्रो. संजय साह, प्रो. संगीता जैन आदि भी उपस्थिति रही।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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