भोपाल, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । ज्योतिष एक आध्यात्मिक विज्ञान है। ज्योतिष के ज्ञान के लिए आध्यात्मिक चेतना ज़रूरी है। ज्योतिष सम्मेलन सराहनीय प्रयास है। यह उद्गार विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह द्वारा भोपाल में शनिवार को कालिदास राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन के उदघाटन सत्र में व्यक्त किए गए।
सिंह ने कहा कि ज्योतिषां सूर्यादिग्रहाणां बोधकं शास्त्रम् अर्थात ज्योतिष में मुख्य रूप से ग्रह, नक्षत्र आदि के स्वरूप, परिभ्रमण काल और स्थिति संबधित घटनाओं एवं शुभाशुभ फलों का बोध किया जाता है। आकाश में स्थित ग्रह नक्षत्रों की गणना की मनुष्य के जीवन व व्यक्तित्व में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। व्यक्ति के जीवन में अवरोध अथवा प्रारब्ध के किसी दुर्योग के समय ज्योतिष शास्त्र ही जातक को सही मार्गदर्शन देता है। इसमें जन्म के समय ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रवाह नक्षत्रों, राशियों की गणना के लिए आधार बनाता है परंतु मनुष्य की स्थिति में परिवर्तन उसके कर्मों, संस्कार व संकल्पों के अनुसार होता है।
सिंह ने उल्लेख किया कि ज्योतिष का सही ज्ञान मनुष्य को स्व धर्म की खोज तक ले जाता है। आज सनातन की बड़ी चर्चा होती है लेकिन सनातन धर्म से सही आशय भारत के सनातन देवी-देवता धर्म से होना चाहिए। हमारे यहां देवी संस्कृति थी जो समाज में मूल्यों के निरंतर क्षरण से नष्ट होती जा रही है इसलिए मनुष्य की आंतरिक चेतना के सशक्तीकरण से जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना के संबंध में मंथन ऐसे सम्मेलन में होना ही चाहिए।
इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से पधारे ज्योतिषाचार्य, राजयोगिनी नीता बहिन, पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुस्मारिया,पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, डॉ. नंदकिशोर पुरोहित पूर्व मंत्री एवं ज्योतिषाचार्य हरिद्वार, पं.विनोद गौतम, संचालक ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल, डॉ. गोविंद गन्धे, निदेशक कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन एवं अन्य विद्वान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / मयंक / पवन कुमार श्रीवास्तव