Uttar Pradesh

काशी में महाकुम्भ बाद होगा ज्योतिष सम्मेलन,सुरक्षा में ज्योतिष की भूमिका पर होगा विमर्श

ज्योतिष ज्ञान शिविर में पुरस्कृत प्रतिभागी : फोटो बच्चा गुप्ता

वाराणसी,28 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । प्रयागराज महाकुंभ के बाद काशी नगरी में ज्योतिष सम्मेलन होगा। सम्मेलन में ज्योतिषविद राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ज्योतिष की भूमिका पर मंथन करेंगे। शनिवार को दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय में एक माह तक चले ज्योतिष ज्ञान शिविर के समापन पर यह जानकारी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.पवन कुमार शुक्ल ने दी। उन्होंने बताया कि महाकुम्भ के पश्चात फरवरी माह में एक बड़ा ज्योतिष सम्मेलन आयोजित करने की योजना है। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि में ज्योतिष शास्त्र शीर्षक होगा। इसमें देश के अनेक संभागों से ज्योतिर्विदों की प्रतिभागिता सुनिश्चित होगी। अनेक उलझे प्रश्नों का ज्योतिष के माध्यम से समाधान किया जाएगा। इसके पहले शिविर में ज्योतिर्विद आचार्य संजय उपाध्याय ने कहा कि धर्म,कर्म,पाप व पुण्य आदि की धारणाएं व्यक्तिगत विश्वास पर आधारित है , किंतु वैज्ञानिक व आध्यात्मिक अवधारणा में ज्योतिष को सर्वोपरि विज्ञान के रूप में माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र को मानने या न मानने का निर्णय व्यक्तिगत विश्वास और अनुभव पर आधारित होता है। यदि इसे मार्गदर्शन और सचेत करने वाली विद्या के रूप में देखा जाए,तो यह कई लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी इस पर शोध होना चाहिए। बतौर मुख्य अतिथि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अपर कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्र ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र हमें भविष्य में होने वाली शुभाशुभ घटनाओं के लिए तैयार कर सकता है। जीवन में घटनाएं समय अनुसार ही घटित होती हैं,भले ही हम और आप ज्योतिष शास्त्र को मानें अथवा न मानें,परंतु इसके बोध से आत्म अनुशासन को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रपति से पुरस्कृत पूर्व प्राचार्य डॉ. गणेश दत्त शास्त्री,वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद नारायण मिश्र व केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित कमलाकांत उपाध्याय ने माँ वाग्देवी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया। इसके बाद संस्था के बटुकों ने सामूहिक रूप से मंगलाचरण का पाठ किया। स्वागत करते हुए संस्था के प्राचार्य डॉ.पवन कुमार शुक्ल ने बताया कि पिछले एक माह से यह शिविर निःशुल्क रूप से चल रहा था। लगभग 60 से ज्यादा बच्चों ने इसमें प्रतिभाग कर पंचांग व कुंडली निर्माण की बारीकियों को सीखा। इन प्रतिभागियों में प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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