गुवाहाटी 23 मई (Udaipur Kiran) । असम के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण सौगात देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल ने गुवाहाटी के जालुकबाड़ी स्थित सरकारी आयुर्वेदिक महाविद्यालय में शुक्रवार उत्तर-पूर्व भारत के पहले विश्व-स्तरीय हर्बल टेस्टिंग लैब का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक लैब 22 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है और इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत उपकरण लगाए गए हैं।
मंत्री सिंघल ने बताया कि इस प्रयोगशाला में असम सहित समूचे उत्तर-पूर्व भारत में बेचे जा रहे हर्बल व आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। निम्न गुणवत्ता वाली दवाएं बनाने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इस प्रयोगशाला के माध्यम से बाज़ार मिलने वाली आयुर्वेदिक दवाओं की विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
फलों और सब्ज़ियों में मिलाए जा रहे विषैले पदार्थों को लेकर भी मंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बाज़ार में उपलब्ध रंग-बिरंगे फलों को लेकर पहली टेस्टिंग की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है, लेकिन दूसरी जांच और निगरानी का दायित्व पूरी तरह कृषि विभाग पर होता है। मंत्री ने साफ कहा कि विक्रेता नहीं, बल्कि जो लोग फल और सब्ज़ियों का उत्पादन करते हैं, वही इस विषय में सबसे ज़्यादा जिम्मेदार हैं।
इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एक बार फिर लौट रहे कोविड संक्रमण पर भी बयान दिया। मंत्री सिंघल ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन राज्य सरकार किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
नई लैब की शुरुआत से आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी और नागरिकको को अधिक भरोसेमंद चिकित्सा विकल्प उपलब्ध होंगे।हिंदुस्थान समाचार/देबोजानी
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर
